दिल्ली हिंसा केस में जेल में बंद आरेापी उमर खालिद ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका वापस ली

उमर खालिद को 2020 के दिल्ली दंगों के पीछे कथित बड़ी साजिश के मामले में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वह जेल में है। हाई कोर्ट से जमानत नहीं मिलने के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दाखिल की गई थी।

Update: 2024-02-14 07:46 GMT

नई दिल्ली । दिल्ली हिंसा मामले में जेल में बंद आरोपी उमर खालिद ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से अपनी जमानत याचिका वापस ले ली। सुनवाई के दौरान वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि परिस्थितियों में बदलाव की वजह से याचिका वापस ली जा रही। अब वे ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।

उमर खालिद को 2020 के दिल्ली दंगों के पीछे कथित बड़ी साजिश के मामले में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वह जेल में है। हाई कोर्ट से जमानत नहीं मिलने के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दाखिल की गई थी।

18 मई, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। इससे पहले 18 अक्टूबर, 2022 को दिल्ली हाई कोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा दिसंबर 2019 और फरवरी 2020 के बीच हुई बैठकों का नतीजा थी, जिनमें उमर खालिद भी शामिल हुआ था।

हाई कोर्ट ने कहा था कि उमर खालिद का नाम साजिश की शुरुआत से लेकर दंगा होने तक आता रहा। उमर खालिद वाटसएप ग्रुप डीपीएसजी और मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑफ जेएनयू का सदस्य था। उमर खालिद ने कई बैठकों में हिस्सा लिया। हाई कोर्ट ने कहा कि अगर चार्जशीट पर भरोसा किया जाए तो यह साजिश की ओर साफ-साफ इशारा कर रहे हैं।

हाई कोर्ट ने कहा था कि विरोध प्रदर्शन लोकतंत्र में होने वाले आम राजनीतिक प्रदर्शन की तरह नहीं था बल्कि यह एक खतरनाक था जिसके गंभीर परिणाम हुए। पुलिसकर्मियों पर महिला प्रदर्शनकारियों ने हमला किया, जिससे इलाके में दंगा फैला जो कि निश्चित रूप से एक आतंकी कार्रवाई थी।

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