खलीज टाइम्स का हिन्दू मंदिर के उद्घाटन पर नजरिया- संयुक्त अरब अमीरात ने इतिहास में नया अध्याय लिखा

'खलीज टाइम्स' ने इस समाचार को अंदर के पन्ने पर भी तरजीह दी है। अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, मध्य पूर्व के पहले पारंपरिक हिंदू मंदिर का उद्घाटन अबूधाबी में किया गया। बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के वर्तमान आध्यात्मिक गुरु परम पूज्य महंत स्वामी महाराज और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फीता काटकर बीएपीएस हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया।

Update: 2024-02-15 10:45 GMT

अबूधाबी। संयुक्त अरब अमीरात में बड़ी प्रसार संख्या वाले अंग्रेजी भाषा के समाचार पत्र 'खलीज टाइम्स' ने गुरुवार के अपने अंक में अबूधाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर के उद्घाटन अवसर के समाचार को प्रमुखता दी है। अखबार ने प्रथम पेज की पहली सचित्र खबर का शीर्षक -'यूएई स्क्रिप्ट्स ए न्यू चैप्टर इन हिस्ट्री' (संयुक्त अरब अमीरात ने इतिहास में नया अध्याय लिखा) दिया है।

'खलीज टाइम्स' ने इस समाचार को अंदर के पन्ने पर भी तरजीह दी है। अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, मध्य पूर्व के पहले पारंपरिक हिंदू मंदिर का उद्घाटन अबूधाबी में किया गया। बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के वर्तमान आध्यात्मिक गुरु परम पूज्य महंत स्वामी महाराज और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फीता काटकर बीएपीएस हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया। यह समारोह हिन्दू वैदिक रीत रिवाज से संपन्न हुआ । वैदिक समारोह में प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल हुए।

अखबार की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 27 एकड़ भूमि पर बने इस प्रतिष्ठित मंदिर में पहुंचने पर बीएपीएस हिन्दू मंदिर के परियोजना प्रमुख पूज्य ब्रह्मविहरिदास स्वामी और पूज्य ईश्वरचरण स्वामी ने स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रह्मविहरिदास स्वामी को गर्मजोशी के साथ गले लगाया। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां बने थ्रीडी केंद्र का दौरा भी किया। यह केंद्र मंदिर के दर्शन और यात्रा के बारे में 12 मिनट का गहन अनुभव प्रदान करता है। भारतीय प्रधानमंत्री ने मंदिर के वास्तुशिल्प की प्रशंसा की।

खलीज टाइम्स ने इस मंदिर के वास्तु पर लिखा है-यह वास्तुशिल्प उत्कृष्टता का उत्सव है और प्राचीन सभ्यताओं की समृद्धि को सामने लाता है। इस उत्कृष्ट कृति की झलक पाने के लिए भक्त सुबह से ही उमड़ने लगे। इस भव्य समारोह में हजारों भक्तों और गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। इस वजह से यह समारोह संयुक्त अरब अमीरात और भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बन गया।

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