क्या आप भी है पिज़्ज़ा खाने की शौकीन, हो जाएं सावधान डेयरी एलर्जी ले सकती है जान, रिपोर्ट में खुलासा
अमेरिका के टेक्सास में 11 वर्षीय स्कूली छात्रा की मौत हो गई जहां पर मौत से पहले उसका पिज़्ज़ा खाना बताया जा रहा है। रिपोर्ट में आया कि पिज़्ज़ा खाने से उसे किसी प्रकार की एलर्जी हुई और मौत का कारण बनी।
Pizza Side Effects: डोमिनोज हो या फिर पिज़्ज़ा हट, किसी ना किसी मौके पर पिज़्ज़ा ऑर्डर करने से नहीं चूकते है। पिज़्ज़ा बर्गर के दीवाने इतने आम होते हैं कि हर फ्लेवर मजा लेना पसंद करते हैं लेकिन आपको सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि हाल ही में अमेरिका के टेक्सास में 11 वर्षीय स्कूली छात्रा की मौत हो गई जहां पर मौत से पहले उसका पिज़्ज़ा खाना बताया जा रहा है। रिपोर्ट में आया कि पिज़्ज़ा खाने से उसे किसी प्रकार की एलर्जी हुई और मौत का कारण बनी।
जानिए कहां का है पूरा मामला
पिज़्ज़ा खाने से मौत का यह मामला भारत नहीं बल्कि अमेरिका के टेक्सास शहर से आया है जहां पर एक स्कूल की 11 वर्षीय छात्रा एमर्सन केट कोल ने पिज्जा का सेवन कर लिया था जिसके बाद उसे एलर्जी (डेयरी एलर्जी) हुई जिससे तबीयत बिगड़ती गई। इलाज के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन काफी प्रयासों के बाद भी बच्ची की जान नहीं बच पाई। इसके बाद मामले में बच्ची के परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर केस किया है कि बच्ची की तबीयत बिगड़ रही थी लेकिन उसे समय पर इलाज क्यों नहीं दिया गया।
पिज़्ज़ा में समाई है डेयरी एलर्जी
स्कूली छात्र की मौत के मामले में पिज़्ज़ा को जहां जिम्मेदार माना गया था वही इसमें एक एलर्जी निकल कर आई जिसका नाम डेयरी एलर्जी है। इस हेल्थ समस्या में व्यक्ति को डेयरी या दूध से बने उत्पादों से एलर्जी होती है जिसकी वजह से घबराहट, उल्टी, पित्ती और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं पर स्थिति कभी एनाफिलेक्सिस का कारण बनती है इस गंभीर परिस्थिति में दूध पीने या डेयरी उत्पादों के सेवन के तुरंत बाद इसके लक्षण शुरू हो सकते है। यह जानलेवा भी साबित हो सकती है।
बचाव हैं जल्द जरूरी
डेयरी एलर्जी के मामले में पीड़ित व्यक्ति को कई प्रकार के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। जिसमें पित्ती, घरघराहट, होंठों या मुंह के आसपास खुजली या झुनझुनी महसूस होना, जीभ या गले में सूजन, खांसी या सांस लेने में तकलीफ और उल्टी की दिक्कत हो सकती है। अगर इस प्रकार के लक्षण ज्यादा दिख रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाना चाहिए ताकि मरीज की जान बचाई जा सके।