1 जून से लॉकडाउन 5.0 को लेकर पीएम मोदी-शाह कर रहे है महामंथन
दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जाए या नहीं? शुक्रवार को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक की तो यह सवाल सबसे ऊपर रहा। 31 मई को लॉकडाउन का चौथा चरण समाप्त हो रहा है। शाह ने शुक्रवार सुबह राज्यों के मुख्यमंत्रियों संग बातचीत की थी। उनसे मिले फीडबैक को उन्होंने प्रधानमंत्री से साझा किया और फिर आगे की रणनीति पर बात हुई। कई राज्यों ने लॉकडाउन जारी रखने को कहा है मगर वह धीमे-धीमे हालात भी सामान्य करना चाहते हैं। आज की बैठक में 31 मई के बाद की योजना का खाका खिंच चुका है।
गृह मंत्री के साथ मीटिंग में कई राज्यों ने दोहराया कि लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। हालांकि वे इकनॉमिक ऐक्टिविटी को लेकर व्यापक छूट चाहते हैं। शाह ने मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन एक्सटेंशन के अलावा कोरोना से लड़ाई की आगे की रणनीति भी जानी। इस मीटिंग से मिले फीडबैक को पीएम मोदी के साथ साझा किया गया। अभी तक पीएम ही मुख्यमंत्रियों संग बैठक की अध्यक्षता करते थे। लॉकडाउन पर राय जानने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने पहली बार मुख्यमंत्रियों से बात की है।
कुछ राज्यों में कोरोना वायरस से हालात बेहद खराब हैं। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे राज्यों में मामले ज्यादा हैं। कई राज्य ऐसे हैं जहां अभी तो केसेज कम हैं मगर कोविड-19 ग्राफ बढ़ रहा है। असम में पिछले चार दिन में केसेज कई गुना बढ़ गए हैं। लॉकडाउन पूरी तरह खोलने से हालात कहीं बेकाबू ना हो जाएं, इसलिए राज्य अभी थोड़ी रियायतों के साथ लॉकडाउन जारी रखना चाहते हैं। गोवा सीएम प्रमोद सावंत की मांग है कि लॉकडाउन को कम से कम 15 दिन के लिए और बढ़ाया जाना चाहिए। हालांकि उन्होंने कुछ रियायतों की मांग भी की है जिनमें सोशल डिस्टेंसिंग के साथ रेस्तरां, जिम का खुलना शामिल हैं।
अगर लॉकडाउन आगे बढ़ाने का फैसला हुआ तो बहुत सारी छूट दी जा सकती है। सरकार का फोकस उन शहरों पर होगा जहां कोरोना के मामले बहुत ज्यादा हैं। इनमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे, ठाणे, इंदौर, चेन्नै, अहमदाबाद, जयपुर, सूरत और कोलकाता शामिल हैं। स्कूल-कॉलेज फिलहाल बंद रहने के ही आसार हैं। इंटरनैशनल फ्लाइट्स पर पाबंदी जारी रखी जा सकती है। धार्मिक स्थानों को खोला जाए या नहीं यह फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ा जा सकता है। सलून खुल चुके हैं, अब जिम और शॉपिंग मॉल्स वगैरह खोलने का फैसला भी राज्य सरकारों के हाथ में दिया जा सकता है।
देश में रेल और एयर ट्रांसपोर्ट 25 मार्च को लॉकडाउन के साथ ही बंद कर दिया गया था। रेलवे ने कुछ रूट पर स्पेशल ट्रेनें शुरू की हैं। इसके अलावा 25 मई से घरेलू उड़ानें भी शुरू कर दी गई हैं। ऐसे में, लोकल लेवल पर इकनॉमिक ऐक्टिविटीज को शुरू करने के लिए मेट्रो रेल सेवाएं भी शुरू की जा सकती है। हालांकि इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य होगा। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। यात्रियों को जागरूक करने के लिए DMRC ने कई वीडियोज तैयार किए हैं। स्टेशंस पर मार्किंग की गई है। मेट्रो के भीतर एक सीट छोड़कर बैठना होगा। ऐसा ना करने पर जुर्माना वसूला जा सकता है। सारी तैयारियां देखकर यही लगता है कि 1 जून से मेट्रो शुरू हो जाएगी क्योंकि सिर्फ केंद्र सरकार की मंजूरी का इंतजार है।
राज्य सरकारों का फोकस अब कंटेनमेंट जोन्स पर दिख रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने हफ्ते में छह दिन दुकानें खोलने का फैसला किया है। जम्मू-कश्मीर में शॉपिंग मॉल, मल्टीप्लैक्स, रेस्तरां, स्कूल-कॉलेज, जिम को छोड़कर बाकी सब खोलने की अनुमति दी गई है। कई धार्मिक संस्थाओं ने राज्य सरकारों से धर्मस्थल खोलने की इजाजत मांगी है मगर उसमें देरी हो सकती है। फिल्म और टीवी इंडस्ट्री भी लॉकडाउन हटाने के पक्ष में है। तेलंगाना सीएम ने कहा है कि वे केंद्र की गाइडलाइंस का वेट करेंगे। राजस्थान में लॉकडाउन को 'कर्फ्यू और नॉन-कर्फ्य जोन' में बांट दिया गया है। नॉन-कर्फ्यू जोन में लगभग हर चीज की अनुमति है। ओडिशा में लॉकडाउन उसी तरह जारी रह सकता है। आंध्र प्रदेश, पंजाब और गुजरात ने अबतक लॉकडाउन 5 को लेकर फैसला नहीं किया है। कई राज्यों ने 1 जुलाई से स्कूल खोलने का मन बनाया है, इसके लिए केंद्र सरकार से इजाजत मांगी गई है।
लॉकडाउन के बावजूद, देश में कोरोना वायरस मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। शुक्रवार सुबह तक के आंकड़ों के अनुसार, देश में 1.65 लाख से ज्यादा कन्फर्म केस सामने आए हैं। देश में 4,706 लोगों की मौत हो चुकी है। फिलहाल करीब 90 हजार ऐक्टिव केसेज हैं। पिछले एक हफ्ते से मामलों की संख्या में उछाल देखने को मिला है। इसके पीछे प्रवासी मजदूरों के पलायन को जिम्मेदार बताया गया। लॉकडाउन 4 में चुनिंदा रूट्स पर ट्रेन और घरेलू उड़ानें भी शुरू कर दी गईं। इसके बाद केसेज की संख्या में इजाफा देखने को मिला है।