नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम के गुड्डर इलाके में भारतीय सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, पुलिस और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में 3 आतंकवादी मारे गए हैं। ऑपरेशन अभी भी जारी है। इससे पहले कुलगाम के गुद्देर इलाके में ही आतंकवादियों और सुरक्षाबलों में हुई मुठभेड़ में 4 दहशतगर्द मारे गए। रविवार को यह मुठभेड़ उस समय शुरू हुई जब आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों के गस्ती दल पर फायरिंग की। जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और सेना ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए आतंकवादियों को घेर लिया। बता दें कि घाटी में लॉकडाउन में अब तक 23 आतंकवादी मारे जा चुके हैं। शुक्रवार को ही अधिकारियों ने यह जानकारी दी थी कि साल 2020 में अब तक सुरक्षाबलों ने 50 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया है। आतंकियों के सफाए से बौखलाया पाकिस्तान और आतंकवादियों को घुसपैठ कराने की फिराक में है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में करीब 300 आतंकवादी नियंत्रण रेखा पार कर कश्मीर घाटी में घुसपैठ करने के लिए तैयार बैठे हैं। वहीं, भारतीय सेना इसको रोकने के लिए मुस्तैदी से कदम उठा रही है। भारतीय सेना इसे रोकने के लिए अपनी घुसपैठ रोधी ग्रिड और आतंकवाद रोधी रणनीति को और मजबूत करने लिये कदम उठा रही है। कश्मीर स्थित 15 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने सैन्य अधिकारियों से कोरोना वायरस महामारी के आलोक में नियंत्रण रेखा पर गश्त के दौरान पर्याप्त एहतियात बरतने को कहा है, क्योंकि घुसपैठियों के इस बीमारी से संक्रमित होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
श्रीनगर से मिली रिपोर्ट का हवाला देते हुए राष्ट्रीय राजधानी में अधिकारियों ने बताया कि सेना की क्षेत्र खुफिया इकाई ने सूचना दी है कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों हिज्बुल मुजाहिद्दीन एवं लश्कर—ए—तैयबा के करीब 300 आतंकवादी सीमा पार से घाटी में घुसपैठ करने के इंतजार में हैं। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी सेना एवं इसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने हाल के सप्ताह में नियंत्रण रेखा के पास 16 लांचपैड सक्रिय किया है। इनमें से कुछ नौशेरा और चम्ब की दुर्गम पहाड़ियों पर भी स्थित हैं जहां से आतंकवादी आसानी से उत्तर कश्मीर के गुलमर्ग में घुसपैठ करने के लिये जाने जाते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि लेफ्टिनेंट जनरल राजू घुसपैठ रोधी ग्रिड (सीआईजी) को और चाक चौबंद करने के लिए सैन्य अधिकारियों के साथ नियमित तौर पर बैठक कर रहे हैं ताकि आतंकवादियों को नियंत्रण रेखा पार करने का कोई मौका नहीं मिले। अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों के साथ नियंत्रण रेखा पर संघर्ष और मुठभेड़ की स्थिति में, सैनिकों से शवों को लेकर अत्यंत सावधानी बरतने को कहा गया है क्योंकि वे कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।
राजू ने बताया कि लीपा घाटी के पार, अथमुकम तथा डुडनियाल में आतंकवादियों का भारी जमावड़ा देखा गया है। यह वही इलाका है जहां से एक अप्रैल को पांच आतंकवादियों ने घुसपैठ किया था जिन्हें पांच अप्रैल को मार गिराया गया था। इस मुठभेड़ में सेना के पांच जवान भी शहीद हो गये थे। अधिकारी ने बताया कि दुमेल, सरदारी और धक्की में स्थित लांचपैड सामान्य तौर पर गर्मियों में सक्रिय होते हैं। उन्होंने बताया वहां भी इस समय आतंकवादियों की उपस्थिति देखी गई है।