अरुणाचल प्रदेश से लापता 5 भारतीय युवक लौटे अपने घर, चीन ने भारत को सौंपा

Update: 2020-09-12 08:39 GMT

नई दिल्ली/ईटानगर। करीब 10 दिन बाद अरुणाचल प्रदेश से लापता हुए 5 युवकों को चीन की पीपल्स लिब्ररेशन आर्मी (पीएलए) ने भारत को सौंप दिया। तेजपुर स्थित रक्षा प्रवक्ता इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि सारी औपचारिकता पूरी करने के बाद सभी पांचों युवकों को किबितु में भारतीय सेना के हवाले कर दिया गया है। कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत पहले उन्हें 14 दिन तक क्वारंटीन रहना होगा जिसके बाद उन्हें उनके परिवारों को सौंप दिया जाएगा।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, तेजपुर में रक्षा के जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि भारतीय सेना ने सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद आज किबिट्टू में पांचों भारतीय युवकों (अरुणाचल प्रदेश से लापता) को रिसीव किया। अब कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार, उन पांचों भारतीय नागरिकों को 14 दिनों के क्वारंटाइन किया जाएगा और उसके बाद उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया जाएगा।

यह घटना तब सामने आई थी जब एक समूह के दो सदस्य जंगल में शिकार के लिए गए थे और लौटने पर उन्होंने उक्त पांच युवकों के परिवार वालों को जानकारी दी थी कि युवकों को सेना के गश्ती क्षेत्र सेरा-7 से चीनी सैनिक ले गए हैं। यह स्थान नाचो से 12 किलोमीटर उत्तर में स्थित है।

मैकमोहन रेखा पर स्थित नाचो अंतिम प्रशासनिक क्षेत्र है और यह दापोरीजो जिला मुख्यालय से 120 किलोमीटर दूर है। चीनी सेना द्वारा कथित तौर पर अगवा किए गए युवकों की पहचान तोच सिंगकम, प्रसात रिंगलिंग, डोंगतु एबिया, तनु बाकर और नगरु दिरी के रूप में की गई।

इस घटना के बाद मंत्री रिजिजू ने शुक्रवार को ट्वीट कर बताया था कि चीन की पीएलए ने भारतीय सेना से इस बात की पुष्टि की है कि वह अरुणाचल प्रदेश के युवकों को हमें सौंप देंगे। चीनी सेना ने बताया था कि आज 12 सितंबर को किसी भी समय एक निर्दिष्ट स्थान पर सौंपा जा सकता है। इसके अलावा, रिजिजू ने ही पहली बार इसकी सूचना दी थी कि पीएलए ने इस बात की पुष्टि की है कि युवक सीमा पार चीन में पाए गए हैं।

सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश से कांग्रेस विधायक निनॉन्ग इरिंग ने दावा किया था कि चीन की पीपुल्स रिपब्लिक आर्मी ने भारत के पांच युवकों को कथित तौर पर अगवा कर लिया है। विधायक इरिंग ने पीएमओ को टैग कर मामला संज्ञान में लाया था। विधायक ने दावा किया था कि अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी जिले के पांच लोगों को अगवा किया गया है। उन्होंने भारत सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की थी।

गांववालों का दावा किया कि ये युवक भारतीय सेना के लिए पोर्टर के रूप में काम करते थे जो दुर्गम क्षेत्रों में सामान की ढुलाई करते थे। प्रकाश ने कहा था, 'कभी-कभी निकल जाता है लोग और पीएलए वाला लेके चला जाता है।' 7 लोगों की टोली निर्जन जंगल में शिकार के लिए गई थी। इनमें से केवल दो वापस आए थे। लापता युवकों के परिजन ने बताया कि बॉर्डर पर सीमांकन ठीक से नहीं है। इस वजह से उन्हें पता नहीं चल पाता कि वे किस ओर हैं और वे लोग काफी आगे बढ़ जाते हैं।

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