नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ाने के पहले ही दिन दिल्ली में हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर यमुना किनारे जमा हो गए हैं। बता दें कि इससे पहले मंगलवार को मुंबई में बांद्रा टर्मिनल के बाहर भी प्रवासी मजदूरों की ऐसी ही भीड़ देखने को मिली थी।
जानकारी के अनुसार, इतनी बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की जानकारी के बाद पुलिस और प्रशासन के कई अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं। इन लोगों को दिल्ली के अलग-अलग शेल्टर होम ले जाने की तैयारी की जा रही है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर बताया कि यमुना घाट पर मजदूर इकठ्ठा हुए। उनके लिए रहने और खानेे की व्यवस्था कर दी है। उन्हें तुरंत शिफ्ट करने के आदेश दे दिए हैं। रहने और खाने की कोई कमी नहीं है। किसी को कोई भूखा या बेघर मिले तो हमें जरूर बताएं।
उन्होंने कहा कि हम रोज 10 लाख लोगों को खाना खिलाते हैं, 75 लाख लोगों को मुफ्त राशन दिया। हजारों बेघरों के लिए छत का इंतजाम किया। लोग इतने गरीब हैं, कई लोगों को सरकारी इंतजाम का पता ही नहीं चलता। थैंक यू मीडिया, ऐसे गरीबों के बारे में हमें बताने के लिए। हर गरीब तक सरकारी इंतजाम पहुंचायेंगे।
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के बांद्रा इलाके में मंगलवार को हजारों प्रवासी मजदूर सड़कों पर उतर आए थे। ये लोग घर वापस जाने की मांग कर रहे थे और भोजन की समस्या के को कारण बता रहे थे। इस भयावह घटना के बाद महाराष्ट्र प्रशासन की व्यवस्था पर भी कई लोगों ने सवाल उठाए। हालांकि बाद में पुलिस ने बल प्रयोग कर इनको तितर-बितर कर दिया था।
पुलिस ने भीड़ को जुटाने के पीछे अफवाह फैलाने वाले आरोपी विनय दुबे नाम के शख्स को हिरासत में लेने के बाद गिरफ्तार भी कर लिया। विनय पर ऐपिडेमिक डिसीज ऐक्ट की धारा 3 और आईपीसी की धारा 117, 153 ए, 188, 269, 270, 505 (2) के तहत कार्रवाई की गई गई है। आरोपी विनय दुबे को 21 अप्रैल तक के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है।