हाइवे से जल्द हट जाएंगे सभी टोल प्लाजा, कैमरों से वसूला जाएगा टैक्स, जानिए क्या है योजना
नईदिल्ली। केंद्र सरकार देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों से टोल प्लाजा हटाने की योजना बना रही है। टोल प्लाजा की जगह स्वचालित नंबर प्लेट रीडर कैमरों की मदद से टैक्स लिया जाएगा। ये कैमरे वाहनों के नंबर प्लेट पढ़ेंगे और मालिकों के लिंक किए गए बैंक खातों से टोल टैक्स काट लिया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस योजना का एक पायलट चल रहा है।इसको सुविधाजनक बनाने के लिए कानूनी संशोधन भी किए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य टोल प्लाजा पर भीड़भाड़ और कम करना है।
केंद्रीय मंत्री ने एक अखबार को इंटरव्यू में बताया की 2019 में हमने एक नियम बनाया कि कारें कंपनी फिटेड नंबर प्लेट के साथ आएंगी। पिछले चार साल में जो वाहन आए हैं उन पर अलग-अलग नंबर प्लेट हैं। अब टोल प्लाजा को हटाने और कैमरे लगाने की योजना है, जो इन नंबर प्लेट को पढ़ेगा और सीधे खाते से टोल काट लिया जाएगा।
उन्होंने कहा की,"हम इस योजना का पायलट प्रोजेक्ट चला रहे हैं। हालांकि, एक समस्या है। दरअसल कानून के तहत टोल प्लाजा स्किप करने और उसका भुगतान नहीं करने वाले वाहन मालिक को दंडित करने का कोई प्रावधान नहीं है। हमें उस प्रावधान को कानून के दायरे में लाने की जरूरत है। हम उन कारों के लिए भी एक प्रावधान ला सकते हैं जिनमें ये नंबर प्लेट नहीं हैं, उन्हें एक निश्चित अवधि के भीतर उन्हें लगाने के लिए कह सकते हैं। हमें इसके लिए एक विधेयक लाने की आवश्यकता होगी।"
बता दें की वर्तमान समय में 40,000 करोड़ रुपये के कुल टोल कलेक्शन का लगभग 97 फीसदी फास्टैग के माध्यम से होता है। शेष 3 फीसदी लोग ही फास्टैग का उपयोग ना करने के कारण सामान्य टोल दरों से अधिक भुगतान करते हैं।फास्टैग के साथ एक टोल प्लाजा को पार करने में एक वाहन को लगभग 47 सेकंड का समय लगता है। इस तरह से एक घंटे में 260 वाहन निकल सकते हैं। वहीँ मैनुअल टोल वसूलने में प्रति घंटे 112 वाहन ही निकल सकते है।