Amarnath Yatra 2024 : खराब मौसम के कारण अमरनाथ यात्रा स्थगित,सुरक्षा को देखते हुए लिया गया निर्णय

Amarnath Yatra 2024 : पहलगाम और बालटाल में हो रही बारिश के वजह से अमरनाथ यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई है।

Update: 2024-07-06 07:45 GMT

Amarnath Yatra 2024 : अमरनाथ यात्रा करने हर साल की तरह इस साल भी लाखों भक्त पहुंचे हैं। लेकिन भारी बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई है। इसका मुख्य कारण तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना है, इसलिए प्रशासन ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस निर्णय के बाद, वर्तमान में श्रद्धालु अमरनाथ के दर्शन नहीं कर पाएंगे।

डेढ़ लाख से अधिक भक्तों ने किया दर्शन

दक्षिण कश्मीर में भारी बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा स्थगित कर दी गई है। कश्मीर प्रशासन ने बारिश की गंभीरता को देखते हुए बालटाल और पहलगाम के रास्ते चल रही इस यात्रा को बारिश रुकने तक रोक दिया है। अधिकारियों ने बताया है कि दोनों मार्गों पर बारिश हो रही है, इसलिए सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यात्रा को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। अब तक डेढ़ लाख से अधिक भक्तों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए। पिछले साल मात्र साढ़े चार लाख लोगों को ही ये दर्शन हो पाया था। यह गुफा 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

बारिश के कारण कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति

जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के कारण कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और सड़कों पर पानी भर जाने से यातायात में बाधा आ रही है। इन परिस्थितियों में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने यात्रा को रोकने का निर्णय लिया है।प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए यात्रा को अस्थायी रूप से रोकने का निर्णय लिया गया है। प्रशासन लगातार मौसम की स्थिति पर नजर रखे हुए है और स्थिति सुधरने पर यात्रा को पुनः शुरू किया जाएगा।

28 जून से अमरनाथ यात्रा की शुरुआत

28 जून शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था, कश्मीर घाटी पहुंचा। इस जत्थे को सख्त सुरक्षा के बीच घाटी में लाया गया था और दक्षिण कश्मीर के काजीगुंड इलाके में नवयुग टनल में नागरिक प्रशासन के अधिकारियों ने 4,603 तीर्थयात्रियों का स्वागत किया।अमरनाथ यात्रा की अवधि 52 दिनों की होती है, जो दो मार्गों से होकर गुजरती है|पारंपरिक नुवान-पहलगाम मार्ग और गंदरबल में बालटल मार्ग। इस वर्ष यात्रा 19 अगस्त को समाप्त होने वाली थी, लेकिन वर्तमान में अस्थायी रूप से रोके जाने के कारण समापन तिथि के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।

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