कौन है अमृतपाल सिंह ? जानिए ISI की मदद से टैक्सी ड्राइवर कैसे बन गया खालिस्तान का पोस्टर बॉय
जालंधर। पंजाब में वारिस पंजाब दे का प्रमुख खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह आज पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। पुलिस की कई टीमें लगातार तीसरे दिन उसकी तलाश में जुटी हुई हैं। उसके जालंधर में छिपे होने की आशंका है। जिसके चलते शहर के सभी एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स पर गहन तलाशी ली जा रही है दूसरी और उसके समर्थकों की ताबड़तोड़ गिरफ्तारी जारी है।
बता दें की अमृतपाल सिंह हाल ही में अजनाला में एक पुलिस थाने पर हमला करने के बाद सुर्ख़ियों में आया है। उसके इस काण्ड के बाद दश भर की सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई और उसके संगठन और साथियो पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। अब तक उसके करीब 122 समर्थकों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अमृतपाल सिंह के खिलाफ 3 केस दर्ज हैं, इनमें 2 हेट स्पीच के संबंधित हैं।
आईएसआई का हाथ -
पुलिस अधिकारीयों के अनुसार अमृतपाल सिंह और खालिस्तान समर्थन के पीछे पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई का हाथ है। आईएसआई के इशारे और फंडिंग की मदद से अमृतपाल देश में खालिस्तान मूवमेंट को बढ़ावा दे रहा है। अब ऐसे में सवाल उठता है की आखिर अमृतपाल सिंह है कौन और कैसे आईएसआई के संपर्क में आया और इतने बड़े मूवमेंट का पोस्टर बॉय कैसे बन गया ?
कौन है अमृतपाल सिंह -
अमृतपाल सिंह अमृतसर के पास स्थित जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है। उसने 12 वीं तक शिक्षा प्राप्त की है। साल 2012 में वह दुबई में चला गया था, जहां वह टैक्सी चलाता था। उसके ज्यादातर संबंधी दुबई में ही रहते हैं। एजेंसियों का मानना है की वह दुबई में ही आईएसआई के संपर्क में आया था। माना जा रहा है कि यह आईएसआई के इशारे पर ही दुबई से वापिस भारत आया है। अमृतपाल सिंह जबसे वापिस लौटा है, खालिस्तान के समर्थन में लगातार बयानबाजी कर रहा है। उसका नाम पिछले साल पंजाब के शिवसेना नेता सुधीर सूरी हत्याकांड में सामने आया था। पीड़ित परिजनों ने पूरे मामले में अमृतपाल का भी नाम जोड़ने की पुलिस से गुहार लगाई थी। ऐसे में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसे सिंगावाला गांव में नजरबंद कर दिया था। इसके आलावा उसने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को धमकी देते हुए भारत खालिस्तान को अलग करने का खुलेआम ऐलान किया था।
'वारिस पंजाब दे' संगठन का मुखिया -
इसी बीच पिछले साल 29 सितंबर 2022 को 'वारिस पंजाब दे' संगठन की पहली वर्षगांठ पर मोगा जिले के रोडे गांव में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमें अमृतपाल को इस संगठन का प्रमुख नियुक्त किया गया था। इस संगठन की स्थापना एक्टर-एक्टिविस्ट दीप सिद्धू ने की थी। 15 फरवरी 2022 को दीप सिद्धू की सड़क हादसे में मौत होने के बाद संगठन की कमान अमृतपाल सिंह को सौंप दी गई थी। दीप सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल सिंह ने 'वारिस पंजाब दे' वेबसाइट बनाई और लोगों को जोड़ना शुरू कर दिया।
दूसरा जरनैल सिंह भिंडरावाला
वर्तमान में पंजाब में अमृतपाल सिंह को दूसरा जरनैल सिंह भिंडरावाला कहा जा रहा है। बता दें की भिंडरावाले ने भी सिखों के लिए अलग देश खालिस्तान की मांग उठाई थी। जिससे राज्य भर में खलबली मच गई थी। ख़ास बात ये है की अमृतपाल सिंह के रहन-सहन और भाषण में भी भिंडरावाले की झलक देखने को मिलती है। वह भिंडरावाले की तरह भारी पगड़ी बांधता है और युवाओं में जोश भरने के लिए भड़काऊ भाषण देता है। हल ही में जांच में खुलासा हुआ है की वह नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती युवाओं को आत्मघाती दस्ते की ट्रेनिंग दे रहा था। उसकी योजना खुद की सेना बनाकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की थी। फिलहाल पुलिस उसकी तलाश कर रही है।