भाजपा का एक केंद्रीय मंत्री ऐसा भी जिसे प्रधानमंत्री के कहने पर विपक्ष ने चुनकर भेजा राज्यसभा

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव विपक्ष बीजू जनता दल के वोट पाकर पहुंचे है राज्यसभा, पढ़िए पूरी स्टोरी

Update: 2021-07-10 10:36 GMT

नईदिल्ली/ वेबडेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार में अश्विनी वैष्णव को रेल मंत्रालय दिया गया है।  दो साल पहले भाजपा से जुड़ने वाले वैष्णव का जिस तरह भाजपा और राज्यसभा में प्रवेश हुआ, उससे तय था की उन्हें मंत्रिमंडल में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। उनकी योग्यता और कार्यों से ज्यादा रोचक है, उनकी राजनीति और राज्यसभा में एंट्री की कहानी।वे अकेले ऐसे सांसद है,  जिसे भाजपा के नहीं बल्कि विपक्ष के विधायकों ने चुनकर राज्यसभा में भेजा है।  


राजस्थान के जोधपुर में जन्मे अश्विनी आईआईटी कानपूर से एमटेक करने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस ) के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके है। वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निजी सचिव भी रह चुके है। बतौर आईएएस विभिन्न उपलब्धियों को अपने नाम करने वाले अश्विनी ने 22 जून 2019 को भाजपा ज्वाइन की थी।भाजपा उन्हें उस समय ओडिशा से राज्यसभा लानी चाहती थी लेकिन सदन में पर्याप्त विधायक ना होने से ये बेहद मुश्किल था।  


बीजेडी ने किया समर्थन - 

उस समय 147 सदस्यों वाली ओडिशा विधानसभा में बीजेडी के 111 और बीजेपी के 23 विधायक थे। उस समय बीजेडी चाहती तो तीन सांसदों को राज्यसभा भेज सकती थी लेकिन अश्विनी के लिए पटनायक ने बीजेपी का समर्थन कर दिया।जिसके बाद वह विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल के विधायकों के वोट पाकर संसद पहुंचने वाले पहले सांसद बने। 


प्रधानमंत्री ने मांगा समर्थन - 

बताया जाता है की इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने खुद फोन कर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से अश्विनी को समर्थन देने के लिए कहा था। इसीलिए बीजू जनता दल ने अश्विनी वैष्णव को सपोर्ट कर अपने हिस्से की एक सीट भाजपा को दे दी। अब आप ख़ुद सोचिए, एक व्यक्ति से सिर्फ़ दस दिन पहले पार्टी जॉइन करवाई गयी और उसे राज्यसभा में लाने के लिए सरकार और पार्टी के बड़े नेताओं ने विपक्ष से जिसके लिए समर्थन मांगा हो।  उसे बड़ी जिम्मेदारी मिलना तय था और दो साल का इंतेज़ार इसीलिए कराया गया ताकि वो अपने आप को इस बड़ी ज़िम्मेदारी के लिए तैयार कर लें।

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