जम्मू। जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर देर रात पांच मिनट के भीतर हुए दो धमाकों से बिल्डिंग की छत में बड़ा सा छेद होने के अलावा कोई नुकसान नहीं हुआ है लेकिन पूरा इलाका सील करके जांच की जा रही है। ड्रोन से आईईडी गिराने की आशंका के चलते पुलिस और फोरेंसिक की टीम मौके पर छानबीन करने में लग गई हैं। जल्द ही वायुसेना की उच्च स्तरीय जांच टीम जम्मू पहुंचने वाली है। आतंकी एंगल से जांच करने के लिए एनआईए और एनएसजी की भी टीम पहुंची है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वायु सेना के वाइस एयर चीफ एयर मार्शल एचएस अरोड़ा से बात की है क्योंकि वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया इस समय बांग्लादेश की यात्रा पर हैं।
जम्मू एयरपोर्ट स्थित एयरफोर्स स्टेशन के अंदर देर रात पांच मिनट के भीतर दो धमाके हुए। पहला धमाका रात 1 बजकर 37 मिनट पर हुआ और दूसरा धमाका ठीक 5 मिनट बाद 1 बजकर 42 मिनट पर हुआ। वायुसेना ने ट्वीट करके पुष्टि की है कि पहला धमाका बिल्डिंग की छत पर और दूसरा धमाका जमीन पर हुआ। इन दोनों धमाकों से सिर्फ बिल्डिंग की छत में बड़ा सा छेद हुआ है, इसके अलावा कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। हालांकि अभी तक इस बात की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई है कि यह दोनों धमाके कैसे हुए। धमाकों में ड्रोन का इस्तेमाल किये जाने की आशंका पर जांच को केन्द्रित किया गया है।
ड्रोन के उपयोग का शक -
पुलिस और फोरेंसिक की टीम को शक है कि एयरफोर्स स्टेशन में ड्रोन के जरिए आईईडी गिराकर धमाके किये गए हैं। यह आशंका इसलिए भी है क्योंकि असलहा-बारूद गिराने वाला ड्रोन राडार की पकड़ में मुश्किल से आ पाता है। इससे पहले भी कई बार ऐसे ड्रोन रडार की पकड़ में आने से बच चुके हैं। धमाके में ड्रोन का इस्तेमाल किये जाने की आशंका इसलिए भी है क्योंकि ड्रोन के जरिए 12 किलोमीटर तक हथियारों को गिराया जा सकता है। एयरफोर्स स्टेशन से पाकिस्तान सीमा की दूरी महज 14 किलोमीटर है। हालांकि अभी धमाकों में ड्रोन के इस्तेमाल को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है क्योंकि अभी भी जांच चल रही है।