चीन ने स्वीकारा - गलवान घाटी में मारा गया पीएलए का कमांडिंग ऑफिसर
चीन से कमांडर स्तर की वार्ता में भारत की दो टूक- एलएसी से सेना हटाएं, तभी बनेगी बात
नई दिल्ली। चीन के इलाके चुशुल-मोल्दो में सोमवार को हो रही लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता में चीन ने पहली बार गलवान घाटी में 15/16 की रात हुई हिंसक झड़प में अपने कमांडिंग ऑफिसर के मारे जाने की बात कबूली है। कमांडर स्तर की इस वार्ता में भारत ने चीन से दो टूक कहा है कि पहले लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से अपने सेना हटाकर 2 मई से पहले की स्थिति बहाल करें, तभी आगे की बातचीत संभव है।
गलवान घाटी में 15/16 की रात चीन और भारत के बीच हुई हिंसक भिड़ंत के बाद पहली बार सोमवार को चीन इलाके के चुशुल-मोल्दो में कोर कमांडर स्तर की दूसरी बैठक हो रही है। यह बैठक चीन के आग्रह पर बुलाई गई है। भारत की तरफ से 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और चीन की तरफ से दक्षिण शिनजियांग के सैन्य कमांडर मेजर जनरल लियू लिन एक बार फिर 11.30 बजे से आमने-सामने बैठकर वार्ता कर रहे हैं। दोनों सैन्य अधिकारियों बीच यह दूसरी बैठक है। इन्हीं दोनों अधिकारियों के बीच 6 जून को वार्ता हुई थी जिसमें बनी सहमति का चीन पक्ष से पालन नहीं किया गया जिसकी वजह से गलवान में भारत और चीन के सैनिकों में भिड़ंत हुई।
चीन से कमांडर स्तर की वार्ता में भारत ने दो टूक कहा है कि पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी एलएसी से अपनी सेना हटाए और 2 मई से पहले की स्थिति बहाल हो, तभी आगे की वार्ता संभव है। इसी बैठक में चीन के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन ने पहली बार स्वीकार किया कि 15/16 जून की रात में हुई हिंसक झड़प में उसके कमांडिंग ऑफिसर की भी मौत हुई है। गलवान की झड़प के एक हफ्ते बाद भी चीन अपने हताहतों की संख्या को छिपा रहा था। हालांकि इस झड़प में मारे गए सैनिकों की संख्या अभी भी चीन ने नहीं बताई है लेकिन कमांडिंग ऑफिसर की मौत होने की बात स्वीकार करके इस बात की सम्भावना बढ़ा दी है कि शायद अब आने वाले दिनों में मारे गए सैनिकों की संख्या के बारे में भी खुलासा करे। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आज चीन से कमांडर स्तर की हो रही वार्ता के बारे में कहा है कि विवाद सुलझाने के लिए ही भारत से बात कर रहे हैं।
गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद चीन को 5 सैन्य अधिकारियों समेत 26 सैनिकों के शव और 70 घायल सैनिक सौंपे गए थे, जिसकी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी की गई है। हालांकि शवों के आदान-प्रदान के लिए बनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं था कि इन शवों में चीन के कमांडिंग ऑफिसर का शव था या नहीं लेकिन अब एक हफ्ते बाद चीनी कमांडिंग ऑफिसर के मारे जाने की बात कबूल किये जाने के बाद अनुमान है कि अब शायद चीन मृत सैनिकों की संख्या के बारे में भी खुलासा करे।