मुख्यमंत्री योगी की जनता से अपील, विपक्ष के बहकावे में ना आए, शांति बनाकर रखें

रविवार से शुरू हुई सियासी पारा सोमवार को हुआ हाई, लखनऊ में उग्र सपाईयोंं ने पुलिस की जीप फूंकी

Update: 2021-10-04 07:26 GMT

लखनऊ। लखीमपुर खीरी में रविवार को घटी घटना ने पूरी तरह से सियासी रूप ले लिया है। देर रात तक इस घटना को लेकर सियासत में उबाल है। किसान आंदोलन के बीच भड़की हिंसा में कुल आठ लोगों की मौत हो चुकी है। घटना को देखते हुए रात कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा लखनऊ पहुंची। वह मृतक किसानों के परिजनों से मिलने के लिए रात ही लखीमपुर के लिए रवाना हुई लेकिन पुलिस ने सीतापुर जिले के हरगांव बार्डर पर हिरासत में ले लिया।

वहीं, सुबह की किरण निकलते ही अखिलेश यादव के आवास के बाहर भारी संख्या में पुलिसबल को तैनात कर दिया गया है। वहीं, सतीश चंद्र मिश्रा को भी पुलिस ने नजरबंद कर प्रदेश की कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने की कवायद में योगी सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर खीरी की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और लोगों से घरों में रहने के साथ ही शांति बनाए रखने की अपील की है।

रूट बदल कर जा रही थीं प्रियंका - 

लखीमपुर खीरी की घटना के बाद प्रियंका गांधी रोड के जरिए मृतकों के परिवारवालों से मिलने के लिए निकल पड़ीं। प्रियंका गांधी रूट बदलकर पुलिस की नजरों से बचते हुए लखीमपुर जा रही थीं। उन्हें 02 बटालियन पीएसी गेस्ट हाउस ले जाया गया है। डीएम एसपी सहित भारी पुलिस फोर्स मौके पर हैं। प्रियंका गांधी हरहाल में लखीमपुर जाने पर अड़ीं हैं। पुलिस-प्रशासन कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए उन्हें वहां नहीं जाने की फरियाद कर रहा है। 

प्रियंका हुई आग—बबूला - 

लखीमपुर जा रही प्रियंका को हिरासत में लिए जाने पर वह आग बबूला हो उठीं। उन्होंने पुलिस से कहा, अरेस्ट करो हम खुशी से जाएंगे। लेकिन जिस तरह धक्का-मुक्की की गई। इसमें फिजिकल असॉल्ट, अटेंप्ट टू किडनैप, किडनैप, अटेंप्ट टू मोलेस्ट, अटेंप्ट टू हार्म की धाराएं लगती हैं। समझे। मैं समझती हूं। छूकर देखो मुझे। जाकर अपने अफसरों मंत्रियों से वारंट लाओ, ऑर्डर लाओ। महिलाओं को आगे मत करो। मुझे धकेल कर लाए हो। तुम्हारे प्रदेश में यह नहीं चलेगा। इस पर सीओ ने पुलिस वालों को आदेश किया कि पहले (प्रियंका गांधी को) तो अरेस्ट करो।

सतीश मिश्रा हाउस अरेस्ट - 

लखनऊ में बसपा नेता सतीश मिश्रा को रविवार रात में ही हाउस अरेस्ट कर लिया गया। चंद्रशेखर आजाद देर रात खीरी के लिए रवाना हुए। सीतापुर टोल प्लाजा पर उनके काफिले को रोका गया। उधर, उधर, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत देर रात लखीमपुर के तिकुनिया पहुंच गए। उन्होंने घटनास्थल का जायजा लिया। इसके बाद मृत किसानों के अंतिम दर्शन किए। उन्होंने 5 बड़ी मांगे उठाई हैं। सबसे बड़ी मांग केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र, उनके बेटे आशीष मिश्र मोनू की गिरफ्तारी है।

इस वजह से भड़की हिंसा - 

लखीमपुर के तिकुनिया में विरोध प्रदर्शन के दौरान अजय मिश्र के काफिले की गाड़ी से 8 लोगों की कुचलने से मौत हुई। आरोप है कि अजय के बेटे आशीष ने गाड़ी चढ़ा दी थी। हालांकि प्रशासन ने सिर्फ चार मौतों की पुष्टि की है। वहीं केंद्रीय गृहराज्य मंत्री ने कहा है कि किसानों ने पहने गाड़ियों पर हमला किया और बीजेपी के चार कार्यकर्ताओं को मार डाला। साथ की कई गाड़ियों में आग लगा दी।

पुलिस ने दर्ज की एफआईआर - 

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी, उनके बेटे आशीष मिश्रा समेत 09 लोगों के खिलाफ तिकुनिया थाने में हत्या, आपराधिक साजिश, दुर्घटना, बलवा आदि संगीन धाराओं में केस दर्ज किया गया है। यह केस बहराइच के नानपारा के रहने वाले जगजीत सिंह की तहरीर पर लिखा गया है। 

मुख्यमंत्री ने की शांति की अपील - 

लखीमपुर में हुई घटना को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुर्भाग्यपूण बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार मामले की तह तक जाएगी। उन्होंने किसान व लोगों से अपील की है कि वे अपने घरों में रहें और किसी के बहकावे में न आएं। धैर्य व शांति के साथ ही बातचीत के रास्ते ही समस्या का हल निकलता है, उपद्रव व अराजकता किसी परेशानी का समाधान नहीं है।वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने अधिकारियों के साथ एक हाई लेवल मीटिंग की। इसमें फैसला लिया कि यदि विपक्षी नेता लखीमपुर खीरी जाने की कोशिश करते हैं तो उन्हें हाउस अरेस्ट या नजरबंद करते हुए किसी भी हाल में निकलने न दिया जाए। प्रदेश की कानून व्यवस्था को कायम रखने के लिए जो निर्णय लिए जाने हो उसे उठाए। इसके बाद प्रयिंका वाड्रा, अखिलेश यादव, सतीश चन्द्र मिश्रा सहित तमाम बड़े नेताओं के घर के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई थी।

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