मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का बड़ा ऐलान, मप्र में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए जल्द बनाएंगे कमेटी
सीएम ने कहा मैं कमेटी बना रहा हूं। समान नागरिक संहिता में एक पत्नी रखने का अधिकार है, तो एक ही पत्नी सबके लिए होनी चाहिए।
भोपाल। भाजपा शासित राज्यों में एक-एक कर समान नागरिक संहिता की मांग उठने के क्रम में अब मप्र का नाम भी शामिल हो गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज बड़वानी जिले के ग्राम चाचरिया में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा की देश भर में समान नागरिक संहिता लागू होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश में संहिता को लागू करने के लिए जल्द कमेटी बनाने की बात कही है।
उन्होंने कहा की "कई बार बड़े खेल हो जाते हैं। खुद जमीन नही ले सकते तो किसी आदिवासी के नाम से जमीन ले ली। कई बदमाश ऐसे भी आ गए जो आदिवासी बेटी से शादी करके जमीन उसके नाम से ले लेते हैं। आज मैं जागरण की अलख जगाने आया हूं। सीएम ने कहा कि बेटी से शादी की और जमीन ले ली। मैं तो इस बात का पक्षधर हूं, कि भारत में अब समय आ गया है एक समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए। एक से ज्यादा शादी क्यों करे कोई। एक देश में दो विधान क्यों चले, एक ही होना चाहिए। सीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश में भी मैं कमेटी बना रहा हूं। समान नागरिक संहिता एक पत्नी रखने का अधिकार है, तो एक ही पत्नी सबके लिए होनी चाहिए।"
वहीँ सीएम ने पेसा एक्ट पर बोलते हुए कहा की " पेसा एक्ट किसी के विरुद्ध नहीं है, इससे जनजातीय समाज के हमारे भाई-बहन सशक्त होंगे। सामाजिक समरसता के साथ यह एक्ट 89 जनजातीय बाहुल्य ब्लॉकों में लागू होगा, शहरों में लागू नहीं होगा। पेसा एक्ट में अब हर साल पटवारी और बीट गार्ड को गांव का नक्शा, खसरे की नकल और बी-1 की कॉपी ग्राम सभा में रखनी पड़ेगी। ताकि किसी की जमीन किसी के नाम हो, तो तत्काल पता चल जाए। किसी प्रोजेक्ट के लिए जमीन ग्रामसभा की अनुमति के बिना नहीं ली जाएगी। यदि छल, कपट से कोई धर्मांतरण करके जमीन ले लेता है, तो उस जमीन को वापस करवाने का अधिकार ग्राम सभा के पास होगा। अनुसूचित क्षेत्र में रेत, मिट्टी, गिट्टी, पत्थर की खदानों पर पहला हक जनजातीय सोसाइटी का होगा। "
"पेसा एक्ट में गांव में जितने भी तालाब है उसके प्रबंधन का अधिकार ग्राम सभा को होगा। तालाब में मछली पालन और सिंघाड़ा उगाने और उसे बेचने का अधिकार भी ग्राम सभा के पास होगा। जंगल में होने वाली वनोपज महुआ, महुए का फूल, करंज का बीज, आचार की गुठली, हर्रा, बहेड़ा, आंवला आदि के संग्रहण और बेचने का अधिकार ग्राम सभा के पास होगा। तेंदूपत्ता को तोड़ने और बेचने का काम भी ग्राम सभा करेगी। पेसा एक्ट में तय किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति किसी को काम के लिए बाहर ले जाएगा, तो पहले इसकी सूचना ग्राम सभा को देनी होगी, ताकि बाहर जाने वाले हमारे भाई-बहन किसी मुसीबत में फंसें, तो उनकी मदद की जा सके।"