भाजपा की युवा मंडली के सामने कांग्रेस के बुजुर्गों की टोली
75 पार के नेताओं के सहारे चुनावी जंग लड़ेगी कांग्रेस
वेबडेस्क। मध्यप्रदेश में साल के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नेताओं ने जमीनी स्तर पर काम करना शुरू कर दिया है। जिसमें कांगे्रस के पास नौजवान नेताओं का टोटा दिखाई दे रहा है। सिर्फ कांग्रेस के दो बुजुर्ग नेता पूर्व मुयमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ही चुनावी जंग जीतने की बिसात बिछा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर प्रमुख राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी में नौजवान नेताओं की पूरी मंडली काम कर रही है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुद शर्मा के नेतृत्व में दूसरी एवं तीसरी पीढ़ी के नेता चुनाव के मैदान में डट गए हैं।
प्रदेश में कांग्रेस ने लंबे समय तक राज किया है, इसके बावजूद भी कांग्रेस राजनीति में नई पीढ़ी को आगे लाने में हमेशा से पीछे रही। जबकि भाजपा नया नेतृत्व खड़ा करने की दिशा में हमेशा आगे रहती है। यही वजह है कि 2003 से लगातार सत्ता में बने रहने के बाद भी भाजपा संगठन ने दूसरी एवं तीसरी पीढ़ी के नेताओं की बड़ी फौज खड़ी कर दी है। इसके उलट 2003 में सत्ता से बाहर होने के बाद कांग्रेस ने नौजवानों को संगठन में आगे बढ़ाने की दिशा में कोई कदम ही नहीं उठाया। जिन नेताओं ने संघर्ष कर खुद को कांग्रेस की राजनीति में स्थापित किया है, उन्हें भी पीछे धकेला जा रहा है। यही वजह है कि मप्र में चुनावी घमासान शुरू हो चुका है और कांग्रेस की कमान मात्र दो बुजुर्ग नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ही संभाल रहे हैं। आज मप्र में पूरी कांग्रेस इन दोनों नेताओं के इर्द-गिर्द घूम रही है।
भाजपा संगठन में 60 पार कोई नहीं -
इधर, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा 53 साल के हैं। राजनीति में इस उम्र के नेता युवा की श्रेणी में माने जाते हैं। प्रदेश प्रभारी पी. मुरलीधर राव 58 साल के हैं। प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा भी 55 साल से कम के हैं। जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 64 साल की उम्र में भी युवाओं से ज्यादा सक्रिय हैं। शिवराज मुख़्यमंत्री के रूप में जितने सक्रिय हैं, उतने किसी भी राज्य के मुयमंत्री सक्रिय नहीं हैं। इसके अलावा भाजपा में संगठन की पूरी टीम 50 की आयु से कम की है।
कांग्रेस के बड़े नेता 75 पार -
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ 77 साल और पूर्व मुयमंत्री दिग्विजय सिंह 76 साल की उम्र में मध्यप्रदेश में दौरे कर रहे हैं। इत्तफाक से कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जयप्रकाश अग्रवाल भी सबसे बुजुर्ग 79 साल में चल रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह भी 71 साल की उम्र में भी चुनाव मैदान में उतरने को तैयार हैं। ऐसा नहीं है कि कांग्रेस में युवा नेताओं का एकदम टोटा है। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, उमंग सिंघार, अजय सिंह, अरुण यादव जैसे कई नेता हैं, जिन्हें आगे आने ही नहीं दिया गया । 3 साल पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोडऩे के बाद आज मप्र में पूरी कांग्रेस कमलनाथ और दिग्विजय सिंह तक सिमटकर रह गई है।