नईदिल्ली/मेरठ/बागपत। दिल्ली में किसानों के बवाल करने के बाद से किसान नेता चुप्पी साध गए हैं। कोई भी किसान नेता इस बवाल की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। किसानों नेताओं का कहना है कि एक साजिश के तहत किसानों को बाॅर्डर से दिल्ली भेजा गया।
दिल्ली में लाल किले पर किसानों ने अपना झंडा फहरा दिया। आईटीओ समेत कई स्थानों किसानों ने हिंसक प्रदर्शन किया और दिल्ली पुलिस पर हमला किया। दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर, बुलंदशहर, गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर जिलों से बड़ी संख्या में किसान रवाना हुए। दिल्ली में बवाल के बाद से ही सभी जिलों में पुलिस प्रशासन उन किसानों का ब्यौरा जुटाने में जुट गया है, जो वेस्ट यूपी से दिल्ली गए हैं।
पहले उग्र रहे किसान अब हुए चुप
ट्रैक्टर परेड को लेकर पहले मुखर रहे किसान नेता दिल्ली में बवाल के बाद चुप्पी साध गए हैं और किसी भी कीमत पर दिल्ली में किसानों के घुसने की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। अपना नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर किसान नेताओं का कहना है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों से लाखों किसान दिल्ली के लिए रवाना हुए। दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर किसान रूट डायवर्जन की तरफ जा रहे थे, लेकिन किसानों को पहले गलत दिशा में मोड़ा गया और उसके बाद दिल्ली में जाकर हिंसक प्रदर्शन कराया जा रहा है।
बड़ी साजिश बता रहे किसान नेता
फोन पर किसान नेताओं का कहना है कि एक साजिश के तहत किसानों से हिंसक प्रदर्शन कराया जा रहा है। बागपत जिले में भी सोमवार की शाम को ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे के पास कई युवक किसानों को गुमराह कर रहे थे। सही रूट की बजाय किसानों को लोनी बॉर्डर से दिल्ली भेज रहे थे। जिसके पीछे एक बड़ी साजिश लगती है। किसान नेताओं का कहना है कि दिल्ली में हिंसक प्रदर्शन करने वाले किसान नहीं हो सकते। उनके वेश में असामाजिक तत्वों ने दिल्ली में बवाल किया है।