केंद ने जारी की गाइडलाइन : बच्चों का वॉक टेस्ट कराएं, बेवजह सिटी स्कैन से बचे

Update: 2021-06-10 07:08 GMT

नईदिल्ली।  कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर में बच्चों के महामारी की चपेट में आने की आशंकाओं के बीच स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने बच्चों के इलाज के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत बच्चों के इलाज में रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। इसके साथ पांच साल के कम उम्र के बच्चों में मास्क नहीं लगाने व बच्चों में सीटी स्कैन का भी तर्कसंगत तरीके से उपयोग करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

बच्चों के इलाज के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) की ओर से जारी किए गए हैं। डीजीएचएस ने बच्चों में एसिमैटिक यानि बिना किसी लक्षण वाले और मध्यम लक्षण वाले मामलों में स्टेरॉयड के इस्तेमाल को भी बेहद हानिकारक बताया है।डीजीएचएस ने अस्पताल में भर्ती गंभीर और मध्यम संक्रमण से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में ही स्टेरॉयड का उपयोग करने के लिए कहा है।

ऑक्सीजन की जांच - 

अभिभावकों को सलाह दी गई है कि वे 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों का अपनी निगरानी में छह मिनट तक घूमने वाला परीक्षण करते रहें। इसके बाद ऑक्सीमीटर के उपयोग से उनके शरीर में ऑक्सीजनकी कमी और अन्य श्वसन संबंधी दिक्कतों का समय पर पता लगाएं।

सिटी स्कैन - 

हाई रेजोल्यूशन सीटी (एचआरसीटी) स्कैन के तर्कसंगत उपयोग की सलाह देते हुए डीजीएचएस ने कहा है कि सीने के स्कैन से उपचार में बेहद कम मदद मिलती है। ऐसे में इसे कम ही प्रोत्साहित करना चाहिए। डीजीएचएस ने कोविड-19 को एक वायरल संक्रमण बताते हुए कहा है कि हल्की बीमारी के मामले में एंटीमाइक्रोबायल्स से इसकी रोकथाम या उपचार में कोई मदद नहीं मिलती है।

मास्क लगाएं - 

इसलिए हल्के संकमण वाले बच्चे या बड़े, सभी को कोई दवाई लेने के बजाय मास्क लगाने, हाथ धोने, सामाजिक दूरी बनाने जैसे उचित कोविड व्यवहार के प्रोटोकॉल का उपयोग करना चाहिए। साथ ही पोषक तत्वों को खाने में शामिल करना चाहिए। ऐसे मरीज 10 मिलीग्राम की पैरासीटामोल की खुराक हर 4 से 6 घंटे पर ले सकते हैं और गर्म पानी पीने, गरारे करने चाहिए। 

Tags:    

Similar News