Sitaram Yechury Dies: CPI(M) महासचिव सीताराम येचुरी का 72 वर्ष की उम्र में निधन, AIIMS को की जाएगी बॉडी डोनेट

Update: 2024-09-12 10:32 GMT

Sitaram Yechury Dies

Sitaram Yechury Dies : नई दिल्ली। सीपीआई(एम) महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी का गुरुवार को निधन हो गया। वह 72 वर्ष के थे। उन्हें एम्स के ICU में भर्ती कराया गया था। पिछले कुछ दिनों से वह श्वसन सहायता पर थे और डॉक्टरों की एक एक्सपर्ट टीम द्वारा उनका इलाज किया जा रहा था। निधन के बाद परिवार ने येचुरी की बॉडी को AIIMS को डोनेट करने का फैसला किया है।

सीताराम येचुरी ने 2015 में सीपीएम के महासचिव के रूप में प्रकाश करात का स्थान लिया था। येचुरी ने दिवंगत पार्टी नेता हरकिशन सिंह सुरजीत के अधीन काम सीखा था, जिन्होंने पहले वी पी सिंह की राष्ट्रीय मोर्चा सरकार और 1996-97 की संयुक्त मोर्चा सरकार के दौरान गठबंधन युग के शासन में प्रमुख भूमिकाएँ निभाई थीं, दोनों ही सरकारों को सीपीआई(एम) ने बाहर से समर्थन दिया था।


येचुरी ने अपने कौशल को तब और निखारा जब वामपंथी दलों ने पहली यूपीए सरकार का समर्थन किया और अक्सर नीति-निर्माण में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार पर दबाव डाला। उन्होंने भारत-अमेरिका परमाणु समझौते पर सरकार के साथ बातचीत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

कौन थे सीताराम येचुरी

सीताराम येचुरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) [CPI(M)] के महासचिव हैं। उनका जन्म 12 अगस्त 1952 को चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ। उनके माता-पिता का नाम कल्पकम येचुरी और सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी है। उनकी पत्नी का नाम सीमा चिश्ती है, जो पेशे से एक पत्रकार हैं।

सीताराम येचुरी ने 12वीं क्लास में देश में आये थे अव्वल

सीताराम येचुरी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ऑल सेंट्स हाई स्कूल, हैदराबाद से की और 12वीं कक्षा की पढ़ाई एस्टेट स्कूल, नई दिल्ली से की। उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन सेंट स्टीफंस कॉलेज और पोस्ट-ग्रेजुएशन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), नई दिल्ली से कम्प्लीट की थी। उन्होंने 12वीं परीक्षा में देश भर में पहली रैंक प्राप्त की थी।

तीन बार बने JNU छात्र संघ के अध्यक्ष

उनकी राजनीतिक यात्रा 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) से शुरू हुई। 1975 में उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) [CPI(M)] जॉइन की। 1977-78 में, वे एक साल के भीतर तीन बार JNU छात्र संघ के अध्यक्ष बने। 1978 में उन्हें SFI का अखिल भारतीय संयुक्त सचिव चुना गया। 1984 में, वे CPI(M) की केंद्रीय समिति के सदस्य बने।

1986 में उन्होंने SFI को छोड़ दिया और 1992 में चौदहवीं कांग्रेस में पोलित ब्यूरो के लिए चुने गए। 2005 में, पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिए चुने गए। 2015 में वे पहली बार CPI(M) के महासचिव बने, 2018 में दूसरी बार और 2022 में तीसरी बार इस पद पर चुने गए।

कोरोनाकाल में 34 साल के बेटे को खोया था

सीताराम येचुरी की शादी बीना मजूमदार की बेटी इंद्राणी मजूमदार से हुई थी, जिससे उनकी एक बेटी और एक बेटा हैं। उनके बेटे आशीष का 22 अप्रैल, 2021 को COVID-19 के कारण निधन हो गया, जिसकी उम्र 34 साल थी।

सीताराम येचुरी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनकी पत्नी सीमा चिश्ती आर्थिक रूप से उनका समर्थन करती हैं। उनकी राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन की यह यात्रा उनकी संघर्षशीलता और समर्पण को दर्शाती है। येचुरी की पत्नी सीमा चिश्ती पेशे से पत्रकार हैं।

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