जापान में फैली खतरनाक बीमारी, मरीज का मांस खाने लगता है बैक्टीरिया, दो दिनों में मौत का खतरा

खतरनाक बीमारी का अलर्ट जापान से सामने आया है जिस सिंड्रोम के साथ चपेट में आने से मरीज की 48 घंटे में ही मौत हो जाती है।

Update: 2024-06-16 13:37 GMT

Japan New Disease: हाल ही में आए बर्ड फ्लू (Bird Flu) के नए स्ट्रेन (H2N1) के बाद अब एक और खतरनाक बीमारी का अलर्ट जापान से सामने आया है जिस सिंड्रोम के साथ चपेट में आने से मरीज की 48 घंटे में ही मौत हो जाती है। जापान में इस बीमारी के 1000 के करीब मामले सामने आ चुके हैं तो वहीं बच्चों और बुजुर्गों में इसका खतरा बताया जा रहा है।

जानें क्या है बीमारी

जापान में फैली इस खतरनाक बीमारी का नाम स्ट्रेप्टोकॉकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (STSS) है। जिस बीमारी का बैक्टीरिया इंसान के शरीर पर वार करता है और उसके मांस धीरे-धीरे खाने लगता है। बताया जा रहा है कि, स्ट्रेप्टोकोकस बीमारी अब यूरोप के 5 देशों तक फैल चुकी है। इनमें ब्रिटेन, फ्रांस, आयरलैंड, नीदरलैंड और स्वीडन को अपने चपेट में ले लिया है। बताया जा रहा है कि इस बीमारी ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकॉकस (GAS) बैक्टीरिया की वजह से होती है। यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक मानी गई है।

बीमारी में दिखने लगते हैं ये लक्षण

इस बीमारी में अगर किसी व्यक्ति को इसका संक्रमण लग जाए तो, संक्रमित लोगों में सबसे पहले सूजन और गले में खराश होती है।इसके अलावा शरीर में दर्द, बुखार, लो बीपी, नेक्रोसिस ( शरीर के टिशू मर जाते हैं), सांस लेने में समस्या, ऑर्गन फेलियर जैसी समस्याएं भी होती हैं। इसके कुछ ही घंटों बाद मौत भी हो जाती है। बताए जा रहा है कि इस संक्रमण के फैलने से 2500 से ज्यादा मौत तो वही 30 प्रतिशत आंकड़ा बढ़ेगा। 

कैसे फैलती हैं बीमारी 

इस बीमारी की बात की जाए तो, इसमें में सबसे पहले पैरों में सूजन होती है फिर पूरा शरीर सूजन में हो जाता हैं। जिसका खतरनाक बैक्टीरिया शरीर में जहरीला पदार्थ पैदा करता, जिससे शरीर में जलन होने लगती है। इसके बाद फिर यह शरीर में टिशू को डैमेज करते हैं जिससे सूजन फैलने लगती है। इसके बाद टिशू मरीज के मांस को खाने लगते है, जिससे तेज दर्द होने लगता है।

क्या इलाज है संभव 

इस खतरनाक वायरस के को लेकर जापान के डॉक्टर हायरमैथ ने बताया कि देश में इस बीमारी से लड़ने के लिए हेल्थ अथॉरिटीज लगातार हालात का जायजा ले रही है। साथ ही इस बीमारी को लेकर सतर्क और जागरूक किया जा रहा है। इसमें इस STSS से निपटने के लिए बाजार में J8 नाम की वैक्सीन भी मौजूद है, जो शरीर में एंटीबायोटिक्स बनाती है। यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे में फैलती है जिसे रोकने का काम करती हैं।इसके अलावा जापान के सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है।

Tags:    

Similar News