Breaking: 16 घंटे में आदेश लिया वापस, उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के लिए संपत्ति का ब्यौरा देने की डेडलाइन बढ़ी

Update: 2024-09-03 05:05 GMT

उत्तरप्रदेश। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार ने ढाई लाख कर्मचारियों की सैलरी रोकने का आदेश वापस ले लिए है। अब सरकारी कर्मचारियों के लिए संपत्ति का ब्यौरा देने की अंतिम डेट बढ़ा दी गई है। सरकारी कर्मचारी अब 30 सितंबर तक चल - अचल संपत्ति का ब्यौरा दे पाएंगे। 16 घंटे में आदेश वापस ले लिया गया है। मुख्य सचिव द्वारा पहले के आदेश के अनुसार 31 अगस्त तक मानव संपदा पोर्टल पर संपत्ति का ब्यौरा न देने वाले सरकारी कर्मचारी - अधिकारी का अगस्त महीने तक का वेतन रोका जाना था लेकिन अब नए आदेश जारी कर सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों को 30 सितंबर तक का मौका दिया गया है।

मानव संपदा पोर्टल पर संपत्ति का ब्यौरा न देने पर 2,44,565 कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया था। सरकार ने बार - बार आदेश जारी कर कर्मचरियों को संपत्ति की डिटेल पोर्टल पर अपलोड करने के लिए कहा था। अब एक बार फिर डेडलाइन बढ़ा दी गई है।

यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा सभी सरकारी कर्मचारियों को मानव संपदा पोर्टल पर 31 अगस्त तक चल - अचल संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए आदेश दिया गया था बावजूद इसके लाखों कर्मचारी अपनी संपत्ति बताने में असफल रहे। केवल 74 प्रतिशत सरकारी कर्मचारी ही अपनी संपत्ति बता पाए हैं।

उत्तरप्रदेश में कुल 8 लाख 46 हजार 640 सरकारी कर्मचारी हैं। इनमें से 6 लाख 2 हजार 75 कर्मचारियों ने अपनी मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड की है। मुख्य सचिव द्वारा आईएएस और पीसीएस स्तर के अधिकारियों के साथ सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए कहा गया था। इन कर्मचारियों में शिक्षक और स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मचारी शामिल नहीं है।

इसके पहले सम्पत्ति न बताने वाले कर्मचारियों का प्रमोशन रोकने के आदेश भी दिए गए थे। सरकार ने सभी अधिकारी और कर्मचारियों को एक मौका देते हुए 31 अगस्त की डेडलाइन रखी थी। अब यह डेडलाइन 30 सितंबर कर दी गई है।

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