दिल्ली हाई कोर्ट ने DDA और MCD को गाजीपुर मामले में लगाई फटकार, कहा - एक्शन लो नहीं तो...

पुलिस और MCD अधिकारियों को अदालत में तलब किया गया। यह घटना 31 जुलाई को दिल्ली के गाजीपुर इलाके में हुई।

Update: 2024-08-06 10:23 GMT

दिल्ली हाई कोर्ट ने DDA और MCD को गाजीपुर मामले में लगाई फटकार

नई दिल्ली। "यदि आप कार्रवाई नहीं करते हैं, तो हम आपके अधिकारियों को निलंबित करना शुरू कर देंगे।" यह बात दिल्ली उच्च न्यायालय ने नाले में गिरने से मरने वाली महिला और उसके बेटे की मौत के मामले में सुनवाई करते हुए कही है। दिल्ली हाई कोर्ट मृतकों के परिवार के लिए मुआवज़ा मांगने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इस दौरान अदालत ने डीडीए और एमसीडी को करारी फटकार लगाई।

पुलिस और एमसीडी अधिकारियों को अदालत में तलब किया गया। यह घटना 31 जुलाई को दिल्ली के गाजीपुर इलाके में हुई। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ याचिका पर सुनवाई कर रही है। दिल्ली पुलिस के अधिकारी और एमसीडी के डिप्टी कमिश्नर अदालत में पेश हुए।

MCD से कोर्ट नाराज :

एमसीडी और उसके अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर हाईकोर्ट ने अपनी नाराजगी जाहिर की और कहा कि, यह उचित मामला है, जहां उच्च न्यायालय को सरकार से एमसीडी को भंग करने के लिए कहना चाहिए। एसीजे मनमोहन ने कहा कि मामले में नगर निगम अधिकारियों द्वारा आपराधिक लापरवाही की गई है और उन पर मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

एसीजे मनमोहन ने कहा कि, “यह (MCD) एक आरामदायक क्लब बन गया है, जहां आप जाते हैं, एक कप चाय पीते हैं और वापस आ जाते हैं। मैं आपको गारंटी दे सकता हूं कि अगर यह व्यक्ति (कोर्ट में मौजूद डिप्टी कमिश्नर) ऑफिस नहीं आते, तो जमीनी हालात पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मुझे लगता है कि, यह एक उचित मामला है, जहां मैं सरकार को सुझाव दूंगा कि एमसीडी को हल करने की जरूरत है... दिल्ली में चीजें ऐसे ही चल रही हैं? कैबिनेट मीटिंग की कोई तारीख नहीं है, स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग की कोई तारीख नहीं है। अगर कैबिनेट और स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग नहीं हो रही है तो बजट कैसे मंजूर होगा? यह ऐसा है जैसे हम कह रहे हों कि हमारे (कोर्ट) बैठे बिना ही मामलों का फैसला हो जाएगा।

कोर्ट ने आखिरकार एमसीडी को इलाके को साफ करने और बैरिकेड्स लगाने का आदेश दिया ताकि खुले नाले दुर्गम हो जाएं। दिल्ली पुलिस और डीडीए को भी मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया। बेंच ने कहा कि वह इस बात पर फैसला नहीं करेगी कि जिस इलाके में मौतें हुईं, वह एमसीडी या डीडीए के अधिकार क्षेत्र में आता है या नहीं, क्योंकि यह पुलिस जांच का मामला है।

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