नई दिल्ली। लॉकडाउन की वजह से परेशानी झेल रहे प्रवासी मजदूरों का मुद्दा आज सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया है। टॉप कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है कि उन प्रवासी मजदूरों को उनके घर जाने दिया जाए जिनका कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया है। याचिका उन प्रवासी मजदूरों के लिए दायर की गई है कि जो लॉकडाउन होने की वजह से उन राज्यों में फंस गए हैं जहां वे काम करते थे। ये लोग काम धंधा बंद होने की वजह से अपने घर जाना चाहते हैं। देशभर में ऐसे लाखों मजदूर इधर-उधर फंसे हुए हैं।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में अर्जी दी गई है कि ऐसे प्रवासी मजदूरों को घर जाने दिया जाए। इतना ही नहीं पीआईएल में आए लिखा है कि राज्य सरकारों को इन लोगों को घर, गांव तक जाने की पूरी व्यव्शात करनी चाहिए।
21 दिन के लॉकडाउन यानी लॉकडाउन के पहले चरण के दौरान लोगों को हुई दिक्कतों की कई तस्वीरें सामने आई थीं। इसमें लोग ट्रक, बसों में भर-भरकर घर जाने की कोशिशों में थे। कई ऐसे लोग थे जिन्हें कुछ सवारी नहीं मिली तो वे पैदल ही निकल पड़े। लोग 500-500 किलोमीटर तक की पैदल यात्रा पर निकल पड़े थे। सबका कहना था कि दूसरे राज्य में रहे तो कोरोना नहीं तो भूख से जरूर मर जाएंगे।