Diwali 2024: हिंदू ग्रंथों में मिलता है माता लक्ष्मी के 8 स्वरूपों का वर्णन, जानिए शुभ फल की प्राप्ति के लिए इनके बारे में

माता लक्ष्मी के रूप और आराधना के बारे में तो आप जानते है लेकिन क्या आपको माता के 8 स्वरूपों के बारे में जानकारी है इनका हिन्दू ग्रंथ में उल्लेख मिलता हैं।

Update: 2024-10-30 15:59 GMT

Diwali 2024: हिन्दू धर्म में व्रत और त्योहार का महत्व होता है इसमें ही दिवाली का त्योहार सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। इस दिन के मौके पर माता लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश का पूजन करते है। माता लक्ष्मी के रूप और आराधना के बारे में तो आप जानते है लेकिन क्या आपको माता के 8 स्वरूपों के बारे में जानकारी है इनका हिन्दू ग्रंथ में उल्लेख मिलता हैं।

जानते हैं माता के 8 स्वरूपों के बारे में 

नवरात्रि में माता दुर्गा की तरह ही माता लक्ष्मी के 8 स्वरूपों के बारे में बताया गया है। इनकी पूरे विधि-विधान से पूजा करने से मां प्रसन्न होती हैं और सुख-समृद्धि का वरदान देती है।

1- आदिलक्ष्मी

माता लक्ष्मी का पहला स्वरूप आदिलक्ष्मी का बताया गया है, जिसे महालक्ष्मी भी कहते हैं।श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार आदि लक्ष्मी ने सृष्टि की रचना की थी. जिनमें से त्रिदेव और महाकाली, लक्ष्मी व महासरस्वती प्रकट हुई थी। इस स्वरूप की पूजा करने से जातक मोह-माया से मुक्ति होकर मोक्ष को प्राप्त करते हैं।

2- धन लक्ष्मी

यहां पर माता लक्ष्मी के दूसरे रूप को धन लक्ष्मी कहा जाता है. इनके एक हाथ में धन से भरा कलश और दूसरे हाथ में कमल का फूल लिए होती हैं। यहां पर माता लक्ष्मी के इस रूप की आराधना करने से व्यक्ति के जीवन से हर तरह की आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं, कर्ज से मुक्ति मिलती है। पौराणिक महत्व के अनुसार, भगवान विष्णु को कुबेर देव के कर्ज से मुक्ति दिलाने के लिए लिया था।

3- धान्य लक्ष्मी

यहां पर माता के तीसरे रूप को धान्य लक्ष्मी का नाम दिया गया है। इन्हें माता अन्नपूर्णा का स्वरूप भी माना जाता है. यह देवी हर घर में अन्न रूप में विराजमान रहती हैं। यहां पर अन्न का सम्मान करने वाले जातकों के पास माता का वास होता है निरादर करने वालों के पास नहीं।

4- गजलक्ष्मी

माता लक्ष्मी के चौथे स्वरूप की बात की जाए तो, इस स्वरूप में मां गज यानी हाथी पर सवार और कमल पुष्प पर विराजमान है। माता को कृषि और उर्वरता की देवी के रूप में पूजा जाता है कहते है कि मां लक्ष्मी के इस स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती है।

5- संतान लक्ष्मी

यह पर माता लक्ष्मी के इस स्वरूप की बात की जाए तो इसे संतान लक्ष्मी कहते है जिसका रूप माता दुर्गा के रूप स्कंदमाता के रूप जैसा ही है। यानी उनके चार हाथ हैं और गोद में कुमार स्कंद को बालक रूप में लेकर बैठी हुई हैं। संतान प्राप्ति की कामना कर रहे जातकों को माता का आशीर्वाद मिलता हैं।




6- वीर लक्ष्मी

दीवाली के मौके पर माता लक्ष्मी के इस स्वरूप को वीर लक्ष्मी कहा गया है।यह स्वरूप भक्तों को वीरता, ओज और साहस देने वाला है, इनकी आठ भुजाएं हैं जिनमें देवी ने विभिन्न अस्त्र-शस्त्र धारण किया हुआ है। इस रूप की पूजा करने से माता वीर लक्ष्मी भक्तों को अकाल मृत्यु से बचाती हैं माता की कृपा बनी रहती हैं।

7- विजय लक्ष्मी

यहां पर माता के इन स्वरूप की बात करें तो, विजय लक्ष्मी नाम दिया गया है जिनकी आराधना करने से भक्तों को जीवन के हर क्षेत्र में जय-विजय की प्राप्ति होती है। किसी भी कठिन समय में माता भक्तों का साथ देती है।

8- विद्या लक्ष्मी

माता लक्ष्मी के आठवें और अंतिम स्वरूप की बात करें तो, विद्या की दात्री कहा गया है। मां लक्ष्मी का यह स्वरूप ज्ञान, कला और कौशल देने वाला है। कहा जाता है कि इस स्वरूप की पूजा करने से शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।

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