राणा अयूब ने चैरिटी के नाम पर अवैध तरीके से जुटाया धन, ईडी ने दर्ज किया केस
नईदिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पत्रकार राणा अयूब के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक केस में गाजियाबाद की एक अदालत में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट दाखिल की है। जिसमें लोगों को धोखा देकर चैरिटी के नाम पर लोगों से धन जुटाने का आरोप लगाया है। ईडी ने 2021 में यूपी पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच शुरू की थी।
ईडी ने गुरूवार को इस संबंध में जारी एक बयान में कहा- " राणा अयूब ने धर्मार्थ के लिए निधि एकत्र करने के मकसद से अप्रैल, 2020 से 'केटो प्लेटफॉर्म'' के जरिए तीन चैरिटी अभियान शुरू किए और कुल 2,69,44,680 रुपये एकत्र किए।'' ईडी ने बताया की झुग्गी बस्ती में रहने वालों और किसानों के लिए धन जुटाने, असम, बिहार और महाराष्ट्र में राहत कार्य करने और भारत में कोरोना से प्रभावित लोगों की सहायता करने के लिए अयूब और उनकी टीम की मदद करने के लिए ये अभियान चलाए गए थे।ईडी का कहना है की विदेशों लोगों की मदद पर मांगी गई राशि एनजीओ की जगह राणा अयूब के पिता और बहन के बैंक खातों में जमा की गई है। इसके बाद उनके खाते में ट्रांसफर हुई है।
निजी खर्चों के लिए किया उपयोग
ईडी ने लगाया कि अयूब ने 2.69 करोड़ रुपये ''अवैध तरीके से'' जुटाए और आमजन को ''धोखा'' दिया। जिसमें से 50 लाख रुपये की राशि की अपने नाम एफडी करा दी। जांच में पाया गया कि राहत कार्य के लिए केवल 29 लाख रुपये का उपयोग किया गया था।' अन्य के लिए फर्जी बिल बनाकर खर्च दिखा दिया गया।ईडी ने कहा की पत्रकार ने इस राशि का उपयोग निश्चित उद्देश्य की जगह अपने निजी खर्चों के लिए किया है। अयूब ने इन निधियों को वैध दिखाने के लिए फर्जी तरीकों का सहारा लिया।बता दें कि फरवरी में मनी लॉन्ड्रिंग मामले प्रवर्तन निदेशालय ने पत्रकार राणा अयूब के 1.77 करोड़ रुपए जब्त किए थे।