सावन में मध्‍यप्रदेश के इन प्रसिद्ध शिव मंदिरों में करें दर्शन, होगी महादेव की कृपा...

मध्‍यप्रदेश के प्रसिद्ध शिव मंदिर

Update: 2024-08-05 07:51 GMT

हिन्दू धर्म में सावन का महीना देवाधि देव महादेव का बेहद प्रिय महीना माना गया है। भगवान शिव की कृपा पाने के लिए श्रध्‍दालु सोमवार का व्रत रखने के साथ साथ भवगान शिव के मंदिर में दर्शन कर पूजा अर्जना करते हैं।

देश में ऐसा कोई राज्‍य नहीं है जहां भगवान शिव के अद्भुत और दिव्‍य मंदिर न हों, वहीं अगर बात मध्‍यप्रदेश के बारे में की जाए तो, मध्य प्रदेश, विविध संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिकता का प्रदेश है, एमपी में विभिन्न देवताओं को समर्पित कई प्राचीन मंदिर हैं, और उनमें से शिव मंदिर भक्तों के दिलों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

यहां हम आपको मध्य प्रदेश के कुछ सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना अनूठा इतिहास और वास्तुकला है और जहां बड़ी संख्‍या में शिव भक्‍त अपने आराध्‍य के दर्शन व पूजा अर्चना करते आते हैं....

Famous Shiva Temples in MP/ मध्‍यप्रदेश के प्रसिद्ध शिव मंदिर

1. महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन:


महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिसके दर्शन करना हिंदू धर्म में शुभ माना गया है। इस मंदिर की भस्म आरती विश्व प्रसिद्ध है और इसमें शामिल होना एक विशेष अनुभव है। मंदिर की प्राचीन वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व इसे दर्शनीय बनाते हैं।

ऐसा कहा जाता है कि सावन के महीने में बाबा महाकाल के दर्शन बड़े ही किस्‍मत वालों को होते हैं। अगर आप भगवान शिव के अनन्‍य भक्‍त हैं तो आपको सावन में एक बार जरूर उज्‍जैन के महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करने चाहिए।

2. ओंकारेश्वर मंदिर, ओंकारेश्वर:


ओंकारेश्वर शहर में स्थित, ओंकारेश्वर मंदिर नर्मदा नदी के शांत तट पर स्थित है। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक के रूप में प्रतिष्ठित, यह मंदिर भी भगवान शिव को समर्पित है। लुभावने दृश्यों से घिरा यह मंदिर एक तरफ शांत नर्मदा नदी के दृश्य प्रस्तुत करता है, जबकि दूसरी तरफ हरी-भरी पहाड़ियाँ अपनी खूबसूरती बिखेरती हैं। सावन में देश भर से भक्‍त ओंकारेश्वर मंदिर भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं।

3. कंदारिया महादेव मंदिर, खजुराहो:


कंदारिया महादेव मंदिर खजुराहो के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, जो भगवान शिव को समर्पित है। इसका निर्माण 11वीं सदी में चंदेल राजवंश के राजा विद्याधर ने करवाया था। यह मंदिर अपनी अद्वितीय स्थापत्य कला और नक्काशियों के लिए जाना जाता है, जिसमें 800 से अधिक मूर्तियाँ शामिल हैं। इसकी ऊंचाई लगभग 31 मीटर है और यह खजुराहो की नक्काशी कला का उत्कृष्ट उदाहरण है।

4. भोजपुर मंदिर, भोजपुर:


रायसेन जिले में भोपाल से 28 किलोमीटर दूर स्थित, भगवान शिव को समर्पित भोजपुर मंदिर एक अनूठा मंदिर है। यह मंदिर अपनी विशालता और अधूरे निर्माण के लिए प्रसिद्ध है। यहां का शिवलिंग विश्व के सबसे बड़े शिवलिंगों में से एक है, जिसकी ऊँचाई लगभग 18 फीट और व्यास 7.5 फीट है। यह एक ही पत्थर से बना है और इसकी नक्काशी अत्यंत सुंदर है।

मंदिर का निर्माण राजा भोज द्वारा 11वीं सदी में शुरू किया गया था, लेकिन यह अधूरा रह गया। इसके बावजूद, मंदिर की भव्यता और विशालता श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करती है।

5. जटाशंकर मंदिर, पचमढ़ी:


पचमढ़ी के आकर्षक हिल स्टेशन में स्थित, जटाशंकर मंदिर आश्चर्यजनक प्राकृतिक गुफाओं और झरनों के बीच स्थित है। 11वीं शताब्दी के समृद्ध इतिहास के साथ, यह शिव मंदिर महाकाव्य महाभारत के पौराणिक पांडवों से भी जुड़ा हुआ है। अगर आप सावन के महीने में इस मंदिर के दर्शन करते जाते हैं तो निश्चित यह आपके लिए एक अद्भुत अनुभव होगा।  

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