किसान आंदोलन से अलग हुए वीएम सिंह और भानु प्रताप सिंह, टिकैत को ठहराया जिम्मेदार
नईदिल्ली। गणतंत्र दिवस के अवसर पर ट्रेक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के बाद किसान संयुक्त मोर्चा में दरार आ गई है। इस मोर्चे में शामिल कई किसान नेता और संगठनों ने आंदोलन को वापिस लेने के संकेत दे दिए है। इसी कड़ी में आज किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएम सिंह ने अपने संगठन को आंदोलन से दूर कर लिया है। उन्होंने किसान आंदोलन को वापिस लेने का फैसला लिया है।
किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएम सिंह ने आज प्रेस वार्ता कर आंदोलन से बाहर जाने की जानकारी दी। साथ ही राकेश टिकैत एवं अन्य किसान नेताओं पर गंभीर आरोप लगाएं है। उन्होंने कहा की जिन लोगों ने हिंसा को भड़काया उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।
वीएम सिंह ने कहा की हिन्दुस्तान के झंडे की गरिमा और मर्यादा कायम रखने की जिम्मेदारी सबकी है। इसे भंग करना गलत है। जिन्होंने ऐसा किया है, उन सभी के खिलाफ पुलिस को सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। उन्होंने कहा की कोई आंदोलन इस तरह नहीं चल सकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो हंगामा और हिंसा हुई, उसकी जिम्मेदारी भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को लेनी चाहिए।
वहीँ भारतीय किसान यूनियन (भानु) के अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने भी इस आंदोलन से नाम वापिस ले लिया है। उन्होंने कहा मैं कल की घटना से इतना दुखी हूं कि इस समय मैं चिल्ला बॉर्डर से घोषणा करता हूं कि पिछले 58 दिनों से भारतीय किसान यूनियन (भानु) का जो धरना चल रहा था उसे खत्म करता हूं।