किसानों का दिल्ली कूच: हरियाणा बॉर्डर पर बैरिकेडिंग टूटी, नोएडा में पुलिस ने की कार्रवाई…

Update: 2024-12-06 08:01 GMT

पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर 9 महीने से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने दिल्ली की ओर कूच शुरू कर दिया है। 101 किसानों का जत्था अंबाला की तरफ बढ़ रहा था, लेकिन उन्हें हरियाणा पुलिस और पैरा मिलिट्री बलों ने बैरिकेड्स लगाकर रोक दिया। किसानों ने बैरिकेड्स और कंटीले तार हटाने की कोशिश की, जिससे पुलिस और किसानों के बीच तनाव बढ़ गया।

वहीं दूसरी तरफ ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने 'दिल्ली चलो' मार्च में शामिल किसानों को परी चौक पर हिरासत में लिया है।

किसानों की मुख्य मांगों में एमएसपी की गारंटी का कानून, कर्ज माफी, लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा, और मृतक किसानों के परिजनों को मुआवजा शामिल हैं।

हरियाणा सरकार का रुख

किसानों के मार्च को देखते हुए हरियाणा सरकार ने पंजाब-हरियाणा सीमा के 11 गांवों में इंटरनेट सेवाएं बंद करने का आदेश दिया है। गृह सचिव सुमिता मिश्रा ने सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश दिए।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

खानौरी बॉर्डर: यहां 13 कंपनियां पुलिस, CRPF, और BSF की तैनाती की गई है। लगभग डेढ़ हजार सुरक्षा कर्मियों के साथ वाटर कैनन, रोडवे बसें, और तीन-स्तरीय बैरिकेडिंग लगाई गई है।

शंभु बॉर्डर: सीमेंट की दीवार और तीन-स्तरीय बैरिकेड्स बनाए गए हैं। पुलिस और पैरा मिलिट्री के 1,000 से अधिक जवान तैनात हैं।

किसान संगठनों की मांगें

किसानों ने अपनी मांगें साफ की हैं, जिनमें सभी फसलों पर एमएसपी की गारंटी, कर्ज माफी, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 का पालन, बिजली संशोधन विधेयक 2020 की वापसी, और मनरेगा में बेहतर भुगतान शामिल हैं।

आंदोलन का असर

किसानों का यह कूच सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। इंटरनेट बंद होने और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आंदोलन व्यापक रूप लेता दिख रहा है। मामले पर स्थिति और गंभीर हो सकती है, अगर दोनों पक्ष सुलह का रास्ता नहीं निकालते।

किसानों की अगली बैठक 16 दिसंबर को हो सकती है, जिसमें दिल्ली पहुंचने के लिए नए तरीके अपनाने पर विचार किया जाएगा। 

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