सरकार की योजनाएं गरीबों की मदद के लिए, नाही किसी दामाद के लिए : वित्तमंत्री

Update: 2021-02-12 11:53 GMT

नईदिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने आज राज्यसभा में बजट से संबंधित सवालों का जवाब दिया। इसके साथ ही विपक्ष पर बरसने के साथ उन्होने बजट की खूबियां गिनाई। उन्होंने कहा की सरकार की योजनाएं गरीबों के लिए नाही किसी दामाद को लाभ देने के लिए। इस पर विपक्ष ने आपत्ति जताई।  जिस पर उन्होंने जवाब दिया, "दामाद, मैंने नहीं सोचा था कि यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का ट्रेडमार्क है। ससुराल हर घर में होता है, लेकिन यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में एक विशेष नाम है। 

सीतारमण ने राज्यसभा में केंद्रीय बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा विपक्ष में कुछ लोगों की झूठी कहानियां बनाने की आदत बन गई है,  हम लगातार गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं।  इसके बाद भी कुछ लोग झूठ फैला रहे है की सरकार गरीबों के लिए नहीं सिर्फ क्रोनी केपिटलिस्ट के लिए काम करती है।  सीता रमन ने पूछा की पीएम आवास योजना के तहत 1.67 करोड़ से अधिक घरों को पूरा किया गया। अक्टूबर 2017 के बाद से 2.67 करोड़ से अधिक घरों को पीएम आवास योजना के तहत विद्युतीकृत किया गया। क्या यह अमीरों के लिए है?" 

वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में महामारी से हुए नुकसान से निपटने से जुड़े त्वरित समाधान के अलावा थोड़े और लंबे कालखंड के सतत विकास पर भी ध्यान केन्द्रित किया गया है। इस दौरान निर्मला सीतारमण सहायता पैकेज और आत्मनिर्भर भारत से जुड़े सरकारी के पहल को भी आगे रखा। सीतारमन ने कहा कि बजट का उद्देश्य विकास, वृद्धि और सुधार लाना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से 1.67 करोड़ लोगों का घर बनाए गए, सौभाग्य योजना के तहत 2.67 करोड़ लोगों के घरों तक बिजली पहुंचाई गई, सरकारी मार्केट के माध्यम से छोटे, मझौले और लघु उद्योगों से कुल 8 लाख करोड़ की खरीदी की गई।

राहुल ने बताया क्रॉनिक बजट - 

बता दें की कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 4 फरवरी को एक ट्वीट में बजट को 'क्रोनी केंद्रित' करार दिया था।  उन्होंने ट्वीट कर कहा था की मोदी के क्रॉनिक सेंट्रिक बजट का मतलब है - स्ट्रगलिंग MSMEs ने बिना ब्याज वाले ऋण दिए, कोई GST राहत नहीं दी। भारत के सबसे बड़े कार्यबल के नियोक्ताओं ने विश्वासघात किया।" इससे पहले उन्होंने कहा था कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी "पूंजीवादी मित्रों को भारत की संपत्ति सौंपने" की योजना बना रहे हैं। गांधी ने यह भी कहा था कि सरकार को रोजगार पैदा करने के लिए एमएसएमई, किसानों और श्रमिकों का समर्थन करना चाहिए।

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