पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह ने आज सुबह ली आखिरी सांस
- राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने सैनिक और राजनेता के तौर पर याद किया
नई दिल्ली। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे जसवंत सिंह का निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर दुख जताया है। सेना के अस्पताल ने बताया कि पूर्व कैबिनेट मंत्री मेजर जसवंत सिंह (सेवानिवृत्त) का रविवार सुबह 6:55 पर निधन हो गया। उन्हें 25 जून को भर्ती कराया गया था और मल्टीअर्गन डिसफंक्शन सिंड्रोम के साथ सेप्सिस का इलाज किया जा रहा था। आज सुबह उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया। उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव थी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। कोविंद ने रविवार को ट्वीट करके कहा, ' वयोवृद्ध सैनिक, उत्कृष्ट सांसद, असाधारण नेता एवं बुद्धिजीवी श्री जसवंत सिंह का निधन दुखद है। उन्होंने कई कठिन भूमिकाओं का निर्वहन सहजता और समानता के साथ किया।' उन्होंने कहा, ' उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, 'जसवंत सिंह जी ने पहले एक सैनिक के रूप में और बाद में राजनीति के साथ अपने लंबे जुड़ाव के दौरान देश की सेवा पूरी मेहनत से की। अटल जी की सरकार के दौरान उन्होंने महत्वपूर्ण विभागों को संभाला और वित्त, रक्षा और बाहरी मामलों की दुनिया में एक मजबूत छाप छोड़ी। उनके निधन से दुखी हूं।'
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने ट्वीट संदेश में कहा, वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करता हूं। वे वास्तव में जन नायक थे जिन्होंने विभिन्न भूमिकाओं में राष्ट्र की सेवा की। एक प्रबुद्ध सांसद, कुशल प्रशासक और सार्वजनिक जीवन में उनके मर्यादित आचरण के लिए उन्हें सदैव स्मरण किया जायेगा। उन्होंने कहा शोक संतप्त परिजनों तथा मित्रों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। ओम शांति।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा "जसवंत सिंह जी को उनकी बौद्धिक क्षमताओं और देश की सेवा के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने राजस्थान में भाजपा को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दुख की घड़ी में उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना। शांति।" उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा "अनुभवी भाजपा नेता और पूर्व मंत्री जसवंत सिंह जी के निधन से गहरा दुख हुआ। उन्होंने रक्षा मंत्रालय के प्रभारी सहित कई क्षमताओं में देश की सेवा की। उन्होंने खुद को एक प्रभावी मंत्री और सांसद के रूप में प्रतिष्ठित किया।"
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ट्वीट किया, "पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह जी के निधन की खबर से दुखी। एक सेना अधिकारी, राजनीतिक नेता और एक अनुभवी सांसद के रूप में उन्होंने अपनी तेज बुद्धि के साथ कुशलतापूर्वक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का प्रबंधन किया। शोक संतप्त परिजनों के प्रति मेरी संवेदना।"
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "श्री जसवंत सिंह जी के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ। परमाणु शक्ति वाले भारत के लिए विदेश नीति बनाने के लिए उन्हें विशेष रूप से याद किया जाएगा। विदेश मंत्री के रूप में उन्होंने भारतीय डिप्लोमेट्स में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।"
शशि थरूर ने कहा "वयोवृद्ध नेता, विचारक और लेखक पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह जी के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। भारतीय राजनीति को परिभाषित करने और उसका बचाव करने में उनका योगदान पर्याप्त था। उनकी शालीनता और सौजन्यता अद्भुत थी।"
दिग्विजय सिंह ने कहा कि जसवंत सिंह जी के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। वह संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह कई लड़ाइयों के स्टालवार्ट थे। हमने एक देशभक्त और पूरी तरह से जेंटलमैन को खो दिया। उनके परिवार के प्रति हमारी संवेदना।
राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलामनबी आजाद ने वयोवृद्ध नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री जसवंत सिंह जी के निधन पर हार्दिक संवेदना जताई। उन्होंने कहा कि कोर के लिए वह एक ईमानदार व्यक्ति होने के साथ वो मजबूत और सक्षम प्रशासक भी थे।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, "राज्य के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह जी के निधन पर मुझे दुख है। भगवान इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के सदस्यों को शक्ति प्रदान करें। उनकी आत्मा को शांति मिले।"
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा "पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह जी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें व परिजनों को इस आघात को सहने की क्षमता प्रदान करें। ॐ शांति।"
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दुख जताते हुए कहा कि "जसवंत सिंह जी के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। उन्होंने जीवन भर देश के लिए काम किया, चाहे सरकार के अंदर हो या बाहर। उनकी आत्मा को शांति मिले।"
डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा, "पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिग्गज राजनीतिज्ञ जसवंत सिंह के निधन के बारे में सुनकर गहरा दुख हुआ। डीएमके की ओर से, मैं अपनी गंभीर संवेदना व्यक्त करता हूं। इस कठिन समय में मेरे विचार उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं।"
जसवंत सिंह का सेना से सरकार तक सफर
जसवंत सिंह 1960 में सेना में मेजर के पद से इस्तीफा देकर राजनीति के मैदान में उतरे थे। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार में वह अपने करियर के शीर्ष पर थे। 1998 से 2004 तक राजग के शासनकाल में जसवंत ने वित्त, रक्षा और विदेश मंत्रालयों का नेतृत्व किया। उनका राजनीतिक करियर कई उतार-चढ़ाव से गुजरा। 1999 में एयर इंडिया के अपहृत विमान के यात्रियों को छुड़ाने के लिए आतंकवादियों के साथ कंधार जाने के मामले में उनकी काफी आलोचना हुई। राजग शासन के दौरान जसवंत सिंह हमेशा अटल बिहारी वाजपेयी के विश्वासपात्र व करीबी रहे। वह ब्रजेश मिश्र और प्रमोद महाजन के साथ वाजपेयी की टीम के अहम सदस्य थे। बाद में वह 2009 तक राज्य सभा में विपक्ष के नेता रहे और गोरखालैण्ड के लिए संघर्ष करने वाले स्थानीय दलों की पेशकश पर दार्जिलिंग से चुनाव लड़े और जीत दर्ज की। जसवंत सिंह को एक समय ऐसी स्थिति का भी सामना करना पड़ा जब अगस्त 2009 में उन्हें अपनी पुस्तक 'जिन्नाः भारत विभाजन और स्वतंत्रता' में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की प्रशंसा करने पर भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था।