शादीशुदा महिलाओं को जॉब पर नहीं रखती थी Foxconn कंपनी, अब सरकार को दो जवाब

Foxconn Company : दावा किया जा रहा है कि, वर्क एफिशिएंसी के लिए केवल कुंवारी लड़कियों को हायर किया जाता है।

Update: 2024-06-27 04:38 GMT

Foxconn Company

Foxconn Company : दिल्ली। दुनिया भर में कई आधार पर लोगों के बीच भेदभाव किया जाता है लेकिन एक बहुत बड़ी कंपनी द्वारा एक ऐसे भेदभाव के बारे में खुलासा हुआ है कि, सभी सोच में पड़ गए हैं। यही नहीं मामला इतना बड़ गया है कि, केंद्र सरकार को इस मामले में दखल देना पड़ा। जिस कम्पनी की बात की जा रही है उसका नाम है फॉक्सकॉन (Foxconn), यह भारत में आई फ़ोन असेंबली प्लांट चलाती है। यहां शादीशुदा महिलाओं को नौकरी नहीं दी जा रही। जब इस बात का खुलासा हुआ तो केंद्र सरकार हरकत में आ गई।

यह मामला तमिलनाडु के चेन्नई प्लांट का है। मीडिया रिपोर्ट्स में दवा किया गया कि, आई फ़ोन असेंबली प्लांट में शादीशुदा महिलाओं को जॉब नहीं दी जाती। रिपोर्ट के अनुसार कम्पनी का मानना है कि, शादीशुदा महिलाओं पर परिवार की जिम्मेदारी होती है इसलिए वे सही तरह से काम नहीं कर पाती। वर्क एफिशिएंसी के लिए केवल कुंवारी लड़कियों को हायर किया जाता है। बड़ा सवाल यह है कि, क्या पुरुषों के चयन के समय भी कंपनी इस बात पर गौर करती है कि, वे शादीशुदा हैं या नहीं।

श्रम मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट :

इस रिपोर्ट के उजागर होने के बाद केंद्रीय श्रम मंत्रायल ने तमिलनाडु सरकार से रिपोर्ट मांगी है। अब तमिलनाडु सरकार इस मामले की पड़ताल करके रिपोर्ट केंद्र सरकार तक पहुंचाएगी।

बता दें कि, फॉक्सकॉन में पहले भी इस तरह के मामले सामने आए थे जब शादीशुदा होने के कारण महिलाओं को भेदभाव का सामना करना पड़ा था। हालिया रिपोर्ट में दो पीड़ितों का जिक्र है। एक का नाम पार्वती और दूसरी का नाम जानकी है। दोनों विज्ञापन देखकर फॉक्सकॉन में नौकरी के लिए इंटरव्यू देने पहुंची थी। दोनों को गार्ड ने गेट से ही जाने को कह दिया। रिपोर्ट में कहा गया था कि, गार्ड ने दोनों से पुछा कि,, क्या वे शादीशुदा हैं। जब दोनों ने हां में जवाब दिया तो उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया।

कंपनी ने आरोपों से किया इंकार :

आरोपों पर सफाई देते हुए कम्पनी ने कहा कि, 'हम किसी तरह से भेदभाव नहीं करते। हायरिंग के समय उच्च मानकों का ध्यान रखा जाता है और भारत में हम विवाहित महिलाओं को भी रोजगार दे रहे हैं।' अब कंपनी इन आरोपों में कितनी सचाई है यह राज्य सरकार की रोपोर्ट आने पर ही पता चल पाएगा।

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