केंद्र सरकार ने बदला नेहरू मेमोरियल का नाम, कांग्रेस भड़की
नेहरू मेमोरियल का इतिहास अंग्रेजों के जमाने का है। उस समय ये भवन तीन मूर्ति आवास के नाम प्रसिद्ध था।
नईदिल्ली/वेबडेस्क। केंद्र सरकार ने दिल्ली स्थित नेहरू मेमोरियल का नाम बदल दिया है। इसका नाय नाम पीएम मेमोरियल कर दिया है। जिसके बाद कांग्रेस हमलावर हो गई है। कांग्रेस ने कहा है कि नाम में बदलाव प्रतिशोध और संकीर्णता का नतीजा है।
जानकारी के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता गुरूवार को एक विशेष बैठक हुई थी। जिसमें नेहरू मेमोरिटल का नाम बदलकर प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी करने का फैसला किया गया। राजनाथ सिंह नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के उपाध्यक्ष हैं। वहीं प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष हैं।
नेहरू मेमोरियल का इतिहास -
नेहरू मेमोरियल का इतिहास अंग्रेजों के जमाने का है। उस समय ये भवन तीन मूर्ति आवास के नाम प्रसिद्ध था।अंग्रेजी शासन में भारत के कमांडर इन चीफ यहां रहते थे। आजादी के बाद जब नेहरू प्रधानमंत्री बने तो यह भवन उनका आधिकारिक आवास बना। वह इसमें 16 साल रहे। उनके देहांत के बाद सरकार ने उनकी याद में यहां म्यूजियम खोल दिया और इसे पंडित नेहरू म्यूजियम एंड मेमोरियल नाम दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल इसी परिसर में प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन किया गया था। अब नेहरू मेमोरियल का नाम ही बदल दिया गया है।
कांग्रेस ने कसा तंज -
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस फैसला का विरोध करते हुए पीएम मोदी पर तंज कसा। उन्होंने कहा संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है। 59 वर्षों से अधिक समय से नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय एक वैश्विक बौद्धिक ऐतिहासिक स्थल और पुस्तकों एवं अभिलेखों का खजाना रहा है। अब से इसे प्रधानमंत्री म्यूजियम और सोसायटी कहा जाएगा। पीएम मोदी भारतीय राष्ट्र-राज्य के शिल्पकार के नाम और विरासत को विकृत करने, नीचा दिखाने और नष्ट करने के लिए क्या नहीं करेंगे। अपनी असुरक्षाओं के बोझ तले दबा एक छोटे कद का व्यक्ति स्वघोषित विश्वगुरु बना फिर रहा है।