किसानों के मुद्दों पर चर्चा के लिए सरकार और विपक्ष के बीच सहमति बनी, 15 घंटे तय
नईदिल्ली। केंद्र के तीन कृषि कानूनों और किसान आंदोलन को लेकर संसद बजट सत्र के दौरान विपक्ष के हंगामे के बीच एक अच्छी खबर है। राज्यसभा में किसानों के मुद्दे पर चर्चा को लेकर सरकार और विपक्षी बीच सहमति बन गई है। चर्चा के लिए 15 घंटे का समय रखा गया है।
दरअसल, कृषि कानूनों के खिलाफ सड़क से लेकर संसद तक कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों विरोध कर रही थीं। इसी बीच बुधवार को राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने किसान कानूनों को लेकर 'सस्पेंशन ऑफ बिजनेस' नोटिस जारी किया। उनकी मांग थी कि कृषि कानूनों पर सदन में चर्चा हो। जिसे सरकार ने मान लिया है। अब राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान चर्चा होगी। चर्चा के लिए 15 घंटे का समय भी रखा गया है।
दूसरी ओर, राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने विपक्ष के अनुरोध को स्वीकार करने के लिए सरकार का धन्यवाद दिया है। आजाद ने कहा कि हमेशा से यह रिवाज रहा है कि सदन में सबसे पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होती है। उससे पहले किसानों के मुद्दे पर चर्चा नहीं हो सकती। उन्होंने बताया कि पहले चर्चा 10 घंटे होनी थी, जिसे बढ़ाकर अब 15 घंटे किया गया है। इससे धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के बीच ही किसानों के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकेगी। राज्यसभा में अगले तीन दिनों तक प्रश्नकाल नहीं होगा। आज जीरो आवर का सत्र तो चलेगा लेकिन गुरुवार को यह भी नहीं चलेगा।