पाकिस्तान यूट्यूब चैनल्स से देश में फैला रहा था भ्रम, सरकार ने लगाया प्रतिबंध

Update: 2021-12-21 13:05 GMT

नईदिल्ली। केंद्र सरकार ने भारत के खिलाफ दुष्प्रचार के लिए पाकिस्तान से चलाए जा रहे 20 यूट्यूब चैनल्स और 2 वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये कार्यवाही खुफिया एजेंसियों और सूचना प्रसारण मंत्रालय की सिफारिश पर हुई है।  ये सभी चैनल्स भारत से जुड़े  संवेदनशील मुद्दों पर भ्रम फैला रहा है।  

केंद्र सरकार ने जिन यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें पंच लाइन, वेब न्यूज, खालसा टीवी, द नेकड ट्रूथ, न्यूज 24, 48 न्यूज, हिस्टोरिकल फैक्ट्स, पंजाब वायरल, नया पाकिस्तान, गो ग्लोबल, तैयब हनीफ, कनीज फातिमा, बाजवा, मोहसिन राजपूत, जैन अली ऑफिशियल, अहमद मियां इमरान सहित 20 यूट्यूब चैनल शामिल है। इसके साथ 2 समाचार वेबसाइटों को भी बंद किया गया है। सरकार के अनुसार, ये चैनल्स कश्मीर, भारतीय सेना, भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति, राम मंदिर और जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश जैसे मुद्दों पर फर्जी खबरों का प्रसारण  कर रहे 

केन्द्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि कुछ यू ट्यूब चैनल एवं वेबसाइट पाकिस्तान से संचालित एक दुष्प्रचार नेटवर्क से संबंधित हैं और भारत से संबंधित विभिन्न संवेदनशील विषयों के बारे में फर्जी खबरें फैला रहे हैं। इन चैनलों का उपयोग कश्मीर, भारतीय सेना, भारत में अल्पसंख्यक समुदायों, राम मंदिर, जनरल बिपिन रावत आदि जैसे विषयों पर योजनाबद्ध तरीके से विभाजनकारी सामग्री पोस्ट करने के लिए किया गया था। भारत विरोधी दुष्प्रचार अभियान के तौर-तरीकों में द नया पाकिस्तान ग्रुप (एनपीजी) शामिल है, जो पाकिस्तान से संचालित होता है और जिसके पास यूट्यूब चैनलों का एक नेटवर्क है। इस दुष्प्रचार अभियान में कुछ अन्य वैसे यूट्यूब चैनल भी शामिल हैं, जो एनपीजी से संबंधित नहीं हैं। इस चैनलों का संयुक्त ग्राहक आधार 35 लाख से अधिक का था, और उनके वीडियो को 55 करोड़ से अधिक बार देखा गया था। नया पाकिस्तान समूह (एनपीजी) के कुछ यूट्यूब चैनल पाकिस्तानी समाचार चैनलों के एंकरों द्वारा संचालित किए जा रहे थे

इन यूट्यूब चैनलों ने किसानों के प्रदर्शन, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम से संबंधित प्रदर्शन जैसे मुद्दों पर भी सामग्री पोस्ट की थी और अल्पसंख्यकों को भारत सरकार के खिलाफ भड़काने की कोशिश की थी। इस बात की भी आशंका थी कि इन यूट्यूब चैनलों का इस्तेमाल पांच राज्यों में होने वाले आगामी चुनावों की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने के उद्देश्य से सामग्री पोस्ट करने के लिए किया जाएगा।

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