चुनाव की तारीख बदलने की मांग पर सियासत: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले BJP - कांग्रेस के बीच तीखी बयानबाजी
Haryana Assembly Elections : चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद हरियाणा में भाजपा - कांग्रेस के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। हरियाणा भाजपा अध्यक्ष ने चुनाव आयोग से मतदान की तारीख बदलने की मांग की थी। इसके बाद कांग्रेस ने भाजपा को घेर लिया। दीपेंद्र हुड्डा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि, बीजेपी चुनाव से घबरा गई है। वहीं भाजपा ने कांग्रेस को जवाब देते हुए कहा कि, कांग्रेस को हर बात में राजनीति घुसेड़नी होती है।
आखिर मसला क्या है ?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने 22 अगस्त को चुनाव आयोग को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा था कि, 28 अगस्त (शनिवार) और 29 अगस्त (रविवार) को प्रदेश के सभी सरकारी एवं निजि संस्थानों में साप्ताहिक अवकाश रहेगा। 1 सितंबर (मंगलवार) को मतदान दिवस हाने के कारण इस दिन भी सभी सरकारी एवं निजि संस्थान बन्द रहेंगे। फिर दिनांक 2 सितंबरको गांधी जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश रहेगा। इस प्रकार 5 दिन के लम्बे अवकाश के कारण मतदान की प्रतिशतता में भारी कमी आयेगी।
इसके बाद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा :
"हरियाणा बीजेपी ने चुनाव आयोग को चुनाव टालने के लिए पत्र लिखा है, जो यह दर्शाता है कि बीजेपी चुनाव से किस कदर घबराई हुई है। अपनी हार सामने देख सत्ताधारी पार्टी द्वारा बचकाने तर्क दिये जा रहे हैं। क्योंकि उसके पास न कोई मुद्दा है, न जनता को बताने लायक कोई काम या उपलब्धि और न ही टिकट देने लायक 90 उम्मीदवार। इसलिए बीजेपी छुट्टियों का बहाना बनाकर चुनाव टालने की साजिश कर रही है। हरियाणा के मतदाता बेहद जागरुक हैं। वो कहीं छुट्टी मनाने नहीं जाएंगे, बल्कि बीजेपी की छुट्टी करने के लिए भारी संख्या में मतदान केंद्र आकर वोट देंगे।"
भाजपा ने किया पलटवार :
एक्स पर पोस्ट किया गया कि, "चुनाव सामने देखकर 2014 में नकली प्लास्टर चढ़ाकर और कमर दर्द के बहाने बेड पकड़ने वाला दीपेंद्र हुड्डा भाजपा को चुनाव लड़ने और जीतने के हौसले पर उपदेश दे रहे हैं। पूरे चुनाव में जिसका पिता कहता रहा "छोरै कानी देख लेना" 2024 में चुनाव से पहले जिसने रोतलू बाछड़ी की तरह झज्जर में जनता के सामने रो-रो कर कहा कि इस बार 2019 जैसी हालत मत बना देना। भाजपा के कर्मठ,कुशल और योद्धा कार्यकर्ताओं को चुनाव की चुनौती दे रहा है।भाजपा के हमारे लाखों कार्यकर्ता 24*7 चुनावी मोड में ही रहते हैं लेकिन बाबू-बेटे को तो हर बात में राजनीति घुसेड़नी होती है।ये बीमारी लाइलाज है।"
इस तरह अब भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। मतदान तक कांग्रेस और भाजपा के नेता एक दूसरे पर इस तरह के आरोप लगाते नजर आएंगे।