NEET Paper Leak मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, CJI ने पूछा - पेपर लीक हुआ था या नहीं, री - नीट पर भी बहस

NEET Paper Leak : CJI ने कहा कि, इस तथ्य से इंकार नहीं किया जा सकता कि, परीक्षा की पवित्रता से समझौता हुआ है।

Update: 2024-07-08 10:02 GMT

NEET Paper Leak

NEET Paper Leak : नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में नीट पेपर लीक मामले पर सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) ने पूछा कि, पेपर लीक हुआ था या नहीं। उन्होंने यह भी पूछा कि, इस मामले में अब तक कितनी एफआईआर (FIR) दर्ज की गई हैं। जिसके जवाब में सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि, पटना में पेपर लीक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। सीजेआई ने कहा कि, इस तथ्य से इंकार नहीं किया जा सकता कि, परीक्षा की पवित्रता से समझौता हुआ है और इसे देखते हुए रि- नीट का आदेश देना होगा।

सीजेआई ने कहा कि, 'हमारे पास जिस तरह की तकनीक है और साइबर फोरेंसिक टीम है क्या हम संदिग्ध मार्करों को देखने के लिए विस्तृत डेटा एनालिटिक्स अभ्यास नहीं कर सकते। हमें पेपर लीक से इनकार नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे समस्या और बढ़ेगी। सीजेआई ने कहा कि, यदि परीक्षा की पवित्रता खत्म हो जाती है, तो दोबारा परीक्षा (री - नीट) का आदेश देना होगा। यदि दागी और बेदाग को अलग करना संभव नहीं है, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया समिति के गठन का सुझाव :

यदि पेपर लीक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से हुआ है, तो यह जंगल में आग की तरह फैल सकता है और बड़े पैमाने पर लीक हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने पूरी प्रक्रिया में "रेड फ्लैग" की जांच के लिए एक समिति गठित करने का सुझाव दिया है।

कितने छात्रों के रिजल्ट रोके गए :

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि, पेपर लीक होने के कारण कितने छात्रों के रिजल्ट रोके गए हैं, ये छात्र कहां हैं - उनके भौगोलिक वितरण के अनुसार? क्या हम अभी भी गलत काम करने वालों का पता लगा रहे हैं और क्या हम लाभार्थियों की पहचान कर पाए हैं?

सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा, हम अध्ययन की सबसे प्रतिष्ठित शाखा की बात कर रहे हैं और हर मध्यम वर्ग का व्यक्ति चाहता है कि उनके बच्चे या तो चिकित्सा या इंजीनियरिंग की पढ़ाई करें, यह मानते हुए कि हम परीक्षा रद्द नहीं करने जा रहे हैं। हमें यह ध्यान रखना होगा कि, पेपर रद्द करना सबसे आखिरी उपाय हो।

बता दें कि, सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पादरीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने मामले की सुनवाई की। सोमवार को कोर्ट ने 38 याचिकाओं पर सुनवाई की थी। इनमें से 34 पिटीशन टीचर्स, स्टूडेंट और कोचिंग इंस्टिट्यूट की थी। बाकी चार याचिका NTA की ओर से दायर की गई थी। इस मामले की अगली सुनवाई अब 10 जुलाई को होगी। सीबीआई द्वारा इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट भी दायर की जा सकती है।

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