अमित शाह का ऐलान, अपराध से जुड़े सदियों पुराने IPC, CrPC, Evidence Act कानूनों में जल्द होगा बदलाव
छह साल से अधिक सजा वाले अपराधों में एफएसएल जांच जरूरी होगी
नईदिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि जल्द ही आईपीसी, सीआरपीसी तथा एवीडेंस एक्ट में बदलाव करके छह साल से अधिक सजा वाले अपराधों में एफएसएल जांच को अनिवार्य बनाया जाएगा। गृहमंत्री शाह ने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से हरियाणा पुलिस को राष्ट्रपति निशान (प्रेसिडेंट्स कलर) प्रदान किया। यह निशान हरियाणा पुलिस को उसकी असाधारण सेवा के लिए दिया गया है।
गृह मंत्री ने राष्ट्रपति निशान सौंपने के बाद पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि अपराधों की जांच में तकनीक अपनाए जाने से अपराधों की संख्या में कमी आएगी। इसके लिए नेशनल फोरेंसिक साइंस विवि में नए विशेषज्ञ तैयार किए जा रहे हैं। गृहमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने आतंकवाद विरोधी मुहिम चलाकर जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर नकेल डाली है, वहीं देश के उत्तर पूर्वाेत्तर राज्यों में आठ हजार से अधिक सशस्त्र युवाओं को मुख्य धारा में शामिल किया गया है।
अमित शाह ने कहा कि देश में वामपंथी आतंकवाद की घटनाओं में 70 फीसदी की कमी आई है। बहुत जल्द देश वामपंथी आतंकवाद की घटनाओं से निजात पा लेगा। अब सरकार ने नशे के खिलाफ जीरो टोरलेंस नीति अपनाई है, जिसे राज्यों की पुलिस तथा केंद्रीय बलों की संयुक्त मदद के साथ लागू किया जा रहा है। अमित शाह ने हरियाणा पुलिस तथा एसटीएफ की पीठ थपथपाते हुए कहा कि केंद्रीय बलों, पंजाब व राजस्थान के साथ मिलकर हरियाणा पुलिस ने पिछले समय के दौरान कई बड़े गैंग का सफाया किया है।
गृहमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार की पुलिस हेल्पलाइन डायल 112 पर अब तक 86 लाख कॉल आ चुकी हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस की देश में अलग पहचान है। गृहमंत्री ने कहा कि वर्ष 1951 में सबसे पहले राष्ट्रपति निशान नेवी को दिया गया था। इसके बाद सीआरपीएफ तथा अब तक दस राज्यों की पुलिस को यह निशान उनकी कार्यप्रणाली के आधार पर दिया जा चुका है। राजधानी दिल्ली से सटा होने के कारण हरियाणा पुलिस ने अपने साहस व धैर्य के बल पर कई बड़े आंदोलनों से सफलतापूर्वक निपटने का काम किया है।