जिस देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं, वो राष्ट्र सुरक्षित नहीं रह सकता : गृहमंत्री शाह

Update: 2021-07-17 13:10 GMT

नईदिल्ली।  सीमा सुरक्षा का मतलब है राष्ट्रीय सुरक्षा और जिस देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं, वो राष्ट्र सुरक्षित नहीं रह सकता है। यह बातें केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार दोपहर को दिल्ली के विज्ञान भवन में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 18 वें अलंकरण समारोह के दौरान कहीं।


कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानन्द राय, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार, केन्द्रीय गृह सचिव, आईबी निदेशक, रॉ प्रमुख, सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक राकेश अस्थाना और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।गृह मंत्री अमित शाह ने बीएसएफ के 18 वें अलंकरण समारोह में अदम्य साहस, शौर्य और उत्कृष्ट सेवा के लिए बल के बहादुर अधिकारियों और कार्मिकों को अलंकरण प्रदान किया। कार्यक्रम में बल के 23 सदस्यों को पदकों से अलंकृत किया गया। इसमें 12 को वीरता के लिये पुलिस पदक और 11 को सराहनीय सेवा के लिये पुलिस पदक से अलंकृत किया गया।

वटवृक्ष बन देश को सुरक्षा मुहैया करा रहा - 


गृह मंत्री ने कहा कि "हमारे जवान 45 डिग्री की गर्मी हो, चाहे लद्दाख की सीमाएं हों या रेगिस्तान हो, चाहे पूर्वी सीमा में नदी-नाले, जंगल, पहाड़ हों, बीएसएफ और हमारी सारी पैरामिलिट्री फोर्सेस, सीमा सुरक्षा के काम में लगी हैं। गृह मंत्री ने आगे कहा कि 1965 की लड़ाई के बाद सीमावर्ती क्षेत्र के राज्यों की 25 बटालियनों के साथ एक बीज के रूप में सीमा सुरक्षा बल की शुरूआत हुई, जो आज एक वटवृक्ष बन देश को सुरक्षा मुहैया करा रहा है। अटल की सरकार में पहली बार 'वन बॉर्डर, वन फ़ोर्स' के सिद्धांत को स्वीकार किया गया और इसका एक स्ट्रक्चर्ड खाका शुरू किया गया।

 उच्च बलिदान की परंपरा - 


केन्द्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा कि बीएसएफ ने एक उच्च बलिदान की परंपरा को स्थापित किया है। सीमा सुरक्षा बल की स्थापना के छह साल बाद ही जब उस समय के पूर्वी पाकिस्तान में सभी तरह के मानवाधिकारों का हनन हो रहा था, अकल्पनीय यातनाएं दी जाती थीं, और जब स्थिति असहनीय हो गई तब उस स्थिति में भारत ने निर्णय किया और बीएसएफ के जवानों ने एक अहम भूमिका निभाई और आज बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में दुनिया के नक्शे पर है।

शाह ने कहा कि चाहे युद्ध काल हो या शांति काल हो, बीएसएफ के जवानों ने हमेशा अपने कर्तव्य को निभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी और इसी का परिणाम है कि सीमा सुरक्षा बल को अनेकों वीरता पुरस्कारों से अलंकृत किया गया है।


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