Explainer : कितना शक्तिशाली होता है नेता प्रतिपक्ष ?

संसदीय व्यवस्था में नेता प्रतिपक्ष की अहम भूमिका होती है हालांकि संविधान में कहीं भी नेता प्रतिपक्ष का जिक्र नहीं है।

Update: 2024-06-26 02:55 GMT

Explanner : कितना शक्तिशाली होता है नेता प्रतिपक्ष?

दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी 18 वीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में नजर आएंगे। संसदीय व्यवस्था में नेता प्रतिपक्ष की अहम भूमिका होती है हालांकि संविधान में कहीं भी नेता प्रतिपक्ष का जिक्र नहीं है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों में नेता प्रतिपक्ष होता है जो सरकार को विपक्ष के मत से अवगत कराता है और सदन में सरकार की गलत नीतियों पर सवाल भी खड़े करता है। आइए जानते हैं नेता प्रतिपक्ष के पास क्या शक्तियां होती हैं (what powers the Leader of Opposition has) और कितना ताकतवर होता है नेता प्रतिपक्ष...।

संसदीय व्यवस्था में दोनों सदन में नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) होता है। भारत में उस दल के नेता को नेता प्रतिपक्ष बनाया जाता है जिसके पास सदन की कुल संख्या के दसवें भाग से कम सीट न हो। आसान शब्दों में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को लीडर ऑफ ऑपोजिशन बनाया जाता है। संविधान में नेता प्रतिपक्ष का उल्लेख नहीं है लेकिन संसदीय कानून में इसका उल्लेख है। इन्हीं में विपक्ष के नेता की शक्ति का भी उल्लेख है। इस तरह नेता प्रतिपक्ष एक संवैधानिक पद नहीं है।

बता दें कि, साल 1977 में प्रतिपक्ष को संसदीय कानूनों के तहत मान्यता मिली थी। अगर वेतन - भत्ते की बात करें तो नेता प्रतिपक्ष को कैबिनेट मिनिस्टर के बराबर वेतन - भत्ता मिलता है। अमेरिका में नेता प्रतिपक्ष को माइनॉरिटी लीडर कहा जाता है वहीं ब्रिटेन में शैडो कैबिनेट की व्यवस्था है।

अब जानिए नेता प्रतिपक्ष की शक्तियां :

महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति :

नेता प्रतिपक्ष उस समिति का हिस्सा होता है जो सेन्ट्रल विजिलेंस डायरेक्टर, सीबीआई डायरेक्टर, मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त, लोकायुक्त, मुख्य सूचना आयुक्त समेत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के चेयरपर्सन और सदस्यों की नियुक्ति करता है। इस समिति में नेता प्रतिपक्ष, प्रधानमंत्री के साथ बैठकर फैसला लेता है।

सरकार के खर्चों पर नजर :

सरकार के खर्चों पर नजर रखने के लिए एक लोक लेखा समिति होती है। नेता प्रतिपक्ष ही इस लोक लेखा समिति का अध्यक्ष होता है। यह समिति सरकार के खर्चों के समीक्षा करती है। संसदीय व्यवस्था में इसका महत्वपूर्ण रोल है।

ये सुविधाएँ भी मिलेंगी :

नेता प्रतिपक्ष को किसी कैबिनेट मंत्री की तरह सुविधाएं मिलेंगी। सचिवालय में नेता प्रतिपक्ष को एक कार्यालय, हाई सिक्योरिटी, मासिक वेतन और भत्ते के रूप में तीन लाख तीस हजार रुपए भी मिलेंगे। इसके अलावा मुफ्त हवाई यात्रा, सरकारी गाड़ी जैसी सुविधाएं भी नेता प्रतिपक्ष को मिलती हैं।

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