Hyderabad News: के.कविता हॉस्पिटल में एडमिट, तिहाड़ जेल में हुई थी स्त्री रोग की समस्या

Update: 2024-10-01 03:40 GMT

K. Kavitha Admitted in Hospital

K. Kavitha Admitted in Hospital :  हैदराबाद, तेलंगाना। बीआरएस नेता और एमएलसी के कविता को मंगलवार को हैदराबाद की एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया है। बताया जा रहा है कि वो स्त्री संबंधी रोग से ग्रसित है। जानकारी के अनुसार स्त्री रोग विशेषज्ञों द्वारा उनका मेडिकल चेकअप किया जा रहा है।

अब तक मिली जानकारी के अनुसार , इससे पहले भी बीआरएस नेता और एमएलसी के कविता को मेडिकल जांच के लिए भर्ती कराया गया था, आज उनकी जांच पूरी होने की उम्मीद है। के कविता पीआरओ ने जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली आबकारी नीति मामले से संबंधित तिहाड़ जेल में रहने के दौरान उन्हें स्त्री रोग संबंधी समस्याओं और तेज बुखार सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा। 

पहले एम्स हॉस्पिटल में कराई थी जांच

पीआरओ के अनुसार, एमएलसी के. कविता की स्वास्थ्य खराब होने पर पहले दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में उनकी मेडिकल जांच कराई थी। बीआरएस नेता के. कविता को प्रवर्तन निदेशालय ने 15 मार्च 2024 को और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 11 अप्रैल 2024 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें बाद में मामले में सीबीआई ने भी गिरफ्तार किया था।

अधिकारियों के अनुसार, जुलाई में दायर दिल्ली के मुख्य सचिव की रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी, जिसमें जीएनसीटीडी अधिनियम 1991, व्यापार नियम (टीओबीआर)-1993, दिल्ली आबकारी अधिनियम 2009 और दिल्ली आबकारी नियम 2010 का प्रथम दृष्टया उल्लंघन दिखाया गया था।

हाल ही में एड ने आबकारी नीति मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में एक पूरक अभियोजन शिकायत (आरोप पत्र) दायर की। आरोप पत्र बीआरएस नेता के कविता और अन्य आरोपियों चनप्रीत सिंह, दामोदर, प्रिंस सिंह और अरविंद कुमार के खिलाफ दायर किया गया था। ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया था कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं, लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया, लाइसेंस शुल्क माफ कर दिया गया या कम कर दिया गया और सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना एल-1 लाइसेंस बढ़ा दिया गया। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 'आबकारी नीति मामले' के संबंध में उन्हें जमानत दे दी।

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