नई दिल्ली। भारतीय सेना ने सीमा पर ऐसी रूसी मिसाइल को तैनात किया है, जिसे सैनिक अपने कंधे पर ही लेकर चला सकते हैं, यानी हर जवान को एक-एक मिसाइलों के साथ तैनात किया जा सकता है। इग्ला नाम की यह मिसाइल हेलीकॉप्टर और फाइटर हेलीकॉप्टर तक को ढेर करने की क्षमता रखती है। इसलिए इनका इस्तेमाल वायुसेना और थल सेना दोनों ही करती हैं। आकाश में यह मिसाइल उस वक्त इस्तेमाल की जाती है जब दुश्मन किसी भी तरह से हमारे एयरस्पेस में घुसने की कोशिश करता है तो उसे नाकाम किया जा सकता है।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि चीन से लगातार कूटनीतिक और सैन्य वार्ताओं के जरिए बिगड़े रिश्ते सुधारने की कोशिश की जा रही है। अभी तक की वार्ताओं में सहमति जताने के बावजूद चीन बैठक में लिये जा रहे फैसलों पर अमल करता नहीं दिख रहा है। इसके बावजूद आखिरी उम्मीद तक चीन से भारत के मुताबिक फैसलों पर अमल कराने की कोशिश की जाएगी। सभी तरह की वार्ताएं नाकाम होने पर ही सैन्य विकल्प का इस्तेमाल किया जायेगा।
लद्दाख सीमा पर सेना ने तैनात किया पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम
चीन की किसी भी तरह की चालाकी से निपटने के लिए पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारतीय सेनाएं पूरी तरह तैयार हैं। भारत ने अब सीमा पर पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम तैनात करके अपने जवानों को इग्ला मिसाइल थमा दी हैं। यह मिसाइल उस समय काम आती हैं जब दुश्मन किसी भी तरह से हमारे एयरस्पेस में घुसने की कोशिश करता है।
हेलीकॉप्टर और फाइटर हेलीकॉप्टर तक को ढेर करने की क्षमता
इस मिसाइल को कोई भी जवान कंधे पर ही लेकर चल सकता है और कंधे पर ही रखकर वार भी कर सकता है। यह मिसाइल हेलीकॉप्टर और फाइटर हेलीकॉप्टर तक को ढेर कर सकती हैं। इग्ला मिसाइल के तैनात किये जाने से दुश्मनों को भारतीय एयरस्पेस में आने से रोका जा सकेगा। इनका इस्तेमाल वायुसेना और थल सेना दोनों ही करती हैं। यानी अब दुश्मन का कोई भी विमान या ड्रोन अगर भारतीय सीमा में घुसता है तो थल सेना के सैनिक जमीन से ही इग्ला मिसाइलों के जरिये उन्हें ढेर करके नीचे गिरा सकते हैं।
जमीन से हवा में मार करने वाली इस पोर्टेबल मिसाइल इग्ला का इस्तेमाल भारत 28 जुलाई से 2 अगस्त, 1992 के बीच कर चुका है। उस समय एक बड़ी पाकिस्तानी टीम ने जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना की चुलुंग पोस्ट पर हमला किया था। इस अग्रिम चौकी को बचाने के लिये भारत ने ऑपरेशन त्रिशूल शक्ति शुरू किया था। 1 अगस्त 1992 को भारत ने इग्ला मिसाइल से पाकिस्तानी हेलीकॉप्टरों पर हमला किया था, जिसमें पाकिस्तान के फोर्स कमांडर मसूद नविद अनवरी और कई अन्य पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। इसके बाद पाकिस्तानी सेना की तरफ से हमला रुक गया था।