भारत की विकास दर 2 पर्सेंट से भी कम रहेगी, तब भी यह दुनिया में सबसे तेज गति वाली अर्थव्यवस्था : आईएमएफ

Update: 2020-04-14 12:30 GMT

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में आर्थिक गतिविधि ठप हो गई है और इसकी वजह से दुनिया में 1930 की महामंदी के बाद सबसे बड़ी मंदी आ चुकी है। आईएमएफ ने कहा है इस मंदी में भारत की आर्थिक विकास दर 2020 में 2 फीसदी से भी कम 1.9 फीसदी रहेगी।

यदि यह अनुमान सच साबित होता है तो 1991 के आर्थिक उदारीकरण के बाद यह भारत की सबसे कम विकास दर होगी। हालांकि, आईएमएफ ने ताजा विश्व आर्थिक रिपोर्ट में भारत को सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में रखा है। आईएमएफ ने कहा है कि केवल दो बड़े देश 2020 में पॉजिटिव ग्रोथ हासिल कर पाएंगे। भारत के अलावा चीन की विकास दर सकारात्मक होगी जो 1.2 फीसदी की गति से बढ़ सकता है।

आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा, 'हम वैश्विक विकास दर -3 फीसदी तक गिरने का अनुमान लगा रहे हैं। यह जनवरी 2020 के बाद 6.3 पर्सेंटेज पॉइंट कम है। बहुत कम समय में अनुमान में बड़ा फेरबदल हुआ है।' उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना-19 महामारी का सभी क्षेत्रों में बुरा असर होगा। महामंदी दुनिया की सबसे खराब आर्थिक मंदी थी, जो 1929 में शुरू हुई और 10 सालों तक चली। इसकी शुरुआत अमेरिका से हुई थी, जब न्यूयॉर्क में वॉल स्ट्रीट धड़ाम हुआ और लाखों निवेश डूब गए।

गोपीनाथ ने कहा कि यह संकट अभूतपूर्व है। लोगों के जीवन और उनकी आजीविका पर इसके असर को लेकर बहुत अनिश्चितता है। उन्होंने कहा कि यह निर्भर करता है कि वायरस के इलाज और इसके नियंत्रण पर जिसका अनुमान लगाना अभी कठिन है। उन्होंने कहा कि कई देश अभी स्वास्थ्य और आर्थिक नुकासान सहित कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

आईएमएफ ने 2021 को लेकर बेहतर स्थिति का आकलन किया है। तब दुनिया के 5.8 फीसदी की गति से बढ़ने का अनुमान है। 2021 में भारत 7.4 पर्सेंट की गति से बढ़ सकता है तो चीन 9.2 फीसदी की गति हासिल कर सकता है। अमेरिका 4.5 फीसदी और जापान 3 फीसदी की गति हासिल कर सकता है। 

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