नईदिल्ली। पारंपरिक चिकित्सा को लेकर भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ एक बड़ा कदम आगे बढ़ाया है। आयुष मंत्रालय ने गुजरात के जामनगर में पारंपरिक चिकित्सा पर ग्लोबल सेंटर की स्थापना के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
आयुष मंत्रालय के अनुसार ग्लोबल सेंटर का प्राथमिक उद्देश्य आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से दुनिया भर से पारंपरिक चिकित्सा की क्षमता बढाकर दुनिया भर के समुदायों के समग्र स्वास्थ्य में सुधार करना है। इस समझौते को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ट्वीट कर बताया कि पारंपरिक चिकित्सा के लिए इस ग्लोबल सेंटर के लिए भारत सरकार ने 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है।
दुनिया की लगभग 80 प्रतिशत आबादी पारंपरिक चिकित्सा का उपयोग करती है। अब तक विश्व स्वास्थ्य संगठन के 194 सदस्य देशों में से 170 ने पारंपरिक चिकित्सा के इस्तेमाल की जानकारी दी है। उनकी सरकारों ने पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों तथा उत्पादों पर विश्वसनीय साक्ष्य व डेटा का एक निकाय बनाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन का समर्थन किया है।