जासूसी के खतरे के बीच भारतीय सेना ने Oppo, Vivo, OnePlus, Realme के मोबाइल उपयोग पर लगाया बैन

यूनिट कमांडरों को चीनी मोबाइल फोन के इस्तेमाल से होने वाले खतरों के बारे में सैनिकों को जानकारी देने के निर्देश दिए गए है।

Update: 2023-03-15 14:00 GMT

नईदिल्ली। भारत-चीन के एलएसी पर चल रहे गतिरोध के बीच भारतीय सेना ने दश भर में तैनात सैनिकों और उनके परिजनों को चीनी मोबाइल फोन से दूरी बनाने के निर्देश दिए है। रक्षा खुफिया एजेंसियों ने इस संबंध में एक पत्र जारी किया है। जिसमें 11 चीनी मोबाइल कंपनियों के फोन ना खरीदने की बात कही गई है।जिसमें चीनी कंपनी वीवो, ओप्पो, ऑनर, श्याओमी, वन प्लस, रियल मी, जेडटीई, मीजू, जियोनी, इनफिनिक्स और आसुस के मोबाइल फोन शामिल हैं। 14 फरवरी 2022 को जारी सलाह में कहा गया है कि जिन जवानों के पास उक्त कंपनियों के मोबाइल फोन हैं, वे 30 मार्च 2023 तक अवश्य बदल लें।


30 मार्च तक पूर्णता रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश में जिक्र 

सैन्य खुफिया अधिकारियों ने फॉर्मेशन और यूनिट कमांडरों को चीनी मोबाइल फोन के इस्तेमाल से होने वाले खतरों के बारे में सैनिकों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इस संबंध में 30 मार्च तक पूर्णता रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि अतीत में राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए सैनिकों को 11 ब्रांडों के चीनी फोन का उपयोग नहीं करने के लिए एहतियाती कदम उठाना सेना का आंतरिक मामला है।


ये है कारण - 

दरअसल, यूक्रेन के साथ युद्ध में कई रूसी सैनिक डोनबास क्षेत्र में सेलुलर नेटवर्क का उपयोग कर रहे थे और यूक्रेनियन के पास उनके डेटा तक पहुंच थी। इसी वजह से कई रूसी कमांडर और सैनिक यूक्रेन के सीधे निशाने पर लक्षित थे। तकनीकी रूप से उन्नत इस युग में आसानी से सूचना लीक होने के चलते सैनिकों को प्रभावित किया जा सकता है। इसीलिए सिर्फ चीनी फोन पर प्रतिबंध लगाना सुरक्षा उपाय नहीं हो सकता, क्योंकि चीनी मूल के मैसेजिंग ऐप भी खतरनाक हैं।

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