11 साल की नौकरी के बाद IRS अफसर ने बदला अपना जेंडर, अनुसूया से बनें अनुकाथिर

हाल ही में एक मामला सिविल सर्विस के इतिहास में पहली बार सामने आया जिसमें एक महिला अफसर ने अपना जेंडर बदलकर पुरुष बन गए।

Update: 2024-07-10 13:19 GMT

IRS Officer Change Gender: भारत देश में 2014 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पुरुष महिला के अलावा थर्ड जेंडर को ट्रांसजेंडर्स को मान्यता देने का फैसला किया गया था, जिसके बाद कई मामले जेंडर बदलने के सामने आए थे। इसमें ही हाल ही में एक मामला सिविल सर्विस के इतिहास में पहली बार सामने आया जिसमें एक महिला अफसर ने अपना जेंडर बदलकर पुरुष बन गए। बता दें अधिकारी, हैदराबाद में तैनात भारतीय रेवन्यू सर्विस (IRS) मैं तैनात हैं जिन्हें हाल ही में मंत्रालय ने इस संबंध में मंजूरी दी है।

जानिए क्या है पूरा मामला

सिविल सर्विस के इतिहास में यह पहला मामला है जिसमें 35 साल के एक आईआरएस अधिकारी ने अपना जेंडर बदला है इसके बाद उन्होंने अपना नाम रिकॉर्ड में भी बदल लिया है। वे अब एम अनुसूया (पुराना नाम) से अनुकाथिर सूर्या एम (नया नाम) बन गए हैं। बताते चलें कि, इस संबंध में उन्होंने ऑफिशियल रिकॉर्ड में अपना नाम-जेंडर बदलने के लिए वित्त मंत्रालय को लिखा। मंत्रालय ने 9 जुलाई को इसकी मंजूरी दे दी। इसके साथ ही अब से सभी सरकारी कागजातों में भी उनका नाम अनुकाथिर सूर्या एम के तौर पर जाना जाएगा।

2023 में भोपाल के इस संस्थान से की थी पढ़ाई

यह अधिकारी मूलतः मदुरै के रहने वाले हैं अपनी 11 साल की नौकरी करने के बाद उन्होंने अपना जेंडर बदलने का फैसला किया इससे पहले ही वह अपना नाम कई जगह पर बदल चुके थे। उनके अब तक के कार्यकाल की बात की जाए तो, दिसंबर 2013 से मार्च 2018 तक उनकी तैनाती चेन्नई के तमिलनाडु में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर थे। उसके बाद अप्रैल 2018 से दिसंबर 2023 तक तमिलनाडु में ही वह डिप्टी कमिश्नर के पद पर तैनात रहे। वहीं उन्होंने मध्य प्रदेश के भोपाल से ली है।भोपाल से साइबर लॉ और फोरेंसिक में पीजी डिप्लोमा की अनुकाथिर सूर्या एम ने चेन्नई के मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में बैचलर डिग्री हासिल की है। उन्होंने 2023 में भोपाल के नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी से साइबर लॉ और साइबर फोरेंसिक में पीजी डिप्लोमा की पढ़ाई की है।




जानिए क्या कहता है 2014 का कानून

साल 2014 में भारत की सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया ने ट्रांसजेंडर को थर्ड जेंडर का दर्जा देने की मान्यता पर मंजूरी दी। यह फैसला कोर्ट ने राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण बनाम भारत संघ (NALSA vs Union of India) मामले में सुनवाई के दौरान लिया। इस फैसले के तहत ट्रांसजेंडर को कानून की तरफ से सुरक्षा सुविधा देने की भी बात की गई थी। इसके बाद इस फैसले पर 2019 में संशोधन किया गया ट्रांसजेंडर्स की सुरक्षा और उनके कल्याण के लिए ट्रांसजेंडर पर्सन्स (राइट ऑफ प्रोटेक्शन) एक्ट लागू हुआ। इस एक्ट के मुताबिक, ऑफिशियल दस्तावेजों में पुरुष या महिला के रूप में कानूनी रूप से पहचाने जाने के लिए ट्रांसजेंडर का लिंग परिवर्तन सर्जरी से गुजरना जरूरी है।

जाने क्या होती है जेंडर बदलने के नियम

कानून के तहत जो भी पुरुष या महिला अपना जेंडर बदलना चाहता है इसके लिए नए नियम लागू किए गए थे इसके अनुसार, एक व्यक्ति ट्रांसजेंडर प्रमाण पत्र के लिए जिला मजिस्ट्रेट या जिला अधिकारी के पास आवेदन कर सकता है। जिला अधिकारी किसी व्यक्ति को उनके जन्म प्रमाण पत्र पर नाम बदलने और सभी दस्तावेजों को उसी अनुसार अपडेट करने का अधिकार देते हैं। इसके अलावा नियम यह भी है कि लिंग परिवर्तन सर्जरी के बाद ट्रांसजेंडर को जिला मजिस्ट्रेट से संशोधित प्रमाण पत्र के लिए भी आवेदन करना पड़ता है। जिला मजिस्ट्रेट की मंजूरी के बाद ही वह पुरुष या महिला के रूप में पहचाना जा सकता है।

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