ISRO News: जानना चाहते हैं अंतरिक्ष में जीवन कैसे करता है काम? इसरो का 'POEM' खोलेगा सारे राज

भारत पहली बार स्वदेशी रॉकेट का उपयोग करके जैविक प्रयोगों को अंतरिक्ष में उड़ा रहा है। जिससे पता चलेगा कि अंतरिक्ष में जीवन कैसे होता है।

Update: 2024-12-22 06:03 GMT

अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर जून 2024 से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में फंसी है। ऐसे में सब कोई जानना चाहता है कि आखिरकार वहां जीवन कैसा होता है? भारत अब इसका पता लगाएगा। जी हां अंतरिक्ष की दुनिया में बहुत आगे निकल गया है। भारत पहली बार स्वदेशी रॉकेट का उपयोग करके जैविक प्रयोगों को अंतरिक्ष में उड़ा रहा है। पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) के अगले लॉन्चिंग में तीन जैविक प्रयोगों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा, जिसमें जीवित कोशिकाएं भी शामिल होंगी।

किसी जीव का अंतरिक्ष में जिंदा रखना होता है मुश्किल 

अंतरिक्ष में जीवन बेहद मुश्किल होता है वहां किसी भी जीव को जिंदा रखना मुश्किल काम होता है। यही कारण है कि वहां सभी लाइफ सपोर्ट सिस्टम को एक सील बंद बॉक्स में रखना होता है। अब पहली बार इसरो एक साथ एक नहीं बल्कि तीन - तीन जैविक कोशिकाओं को अंतरिक्ष भेज रहा है।

इन तीन जीवों को भेजा जाएगा अंतरिक्ष 

भारत जिन जैविक सामानों को रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष भेजेगा, उनमें पालक, लोबिया और गट बैक्टीरिया जैसी जैविक चीजें शामिल हैं। इसरो ने इसे पीएसएलवी ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल-4 (पोएम -4) नाम दिया है। इस तरह इसरो अंतरिक्ष की दुनिया में एक और इतिहास लिखेगा। कहा जाता है कि यह प्रयोग गगनयान मिशन में भी बेहद मददगार होगा।

इसरो अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ ने कही ये बात

इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ ने कहा, “इस तरह के पहले प्रयास में, इसरो भारत से अंतरिक्ष में लाइव जैविक प्रयोग कर रहा है। हमें जल्द ही खगोल जीव विज्ञान पर अध्ययन शुरू करना होगा, और अब इसरो PSLV प्रायोगिक मंच का उपयोग करके एक पूरी नई कविता लिखेगा और भारतीय जीवविज्ञानियों को अंतरिक्ष के प्रतिकूल वातावरण में जीवन कैसे जीवित रह सकता है, इसके सभी पहलुओं का पता लगाने देगा।”

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