सिंधिया के कारण ग्वालियर चंबल में दखल नहीं देता था, वे परेशान हो जाते थे : कमलनाथ

Update: 2020-09-18 21:01 GMT
दुख है कि यह क्षेत्र बेहद पिछड़ गया, अब मेरा पूरा ध्यान यहीं रहेगा

ग्वालियर,विशेष प्रतिनिधि। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने ग्वालियर प्रवास के दौरान शुक्रवार को यह खुलासा किया कि पिछले 50 साल से वे ग्वालियर जरूर आते रहे, किंतु यहां की राजनीति और अन्य विषयों पर इसलिए कभी दखल नहीं दिया, क्योंकि पहले स्वर्गीय माधवराव सिंधिया और अब ज्योतिरादित्य सिंधिया इस क्षेत्र को देखते रहे हैं। यदि मैं इस क्षेत्र में दखल देता तो ज्योतिरादित्य सिंधिया परेशान हो जाते थे। किंतु जिस तरह से ग्वालियर चंबल बुरी तरह पिछड़ गया है तो अब मेरा पूरा ध्यान इसी क्षेत्र की ओर रहेगा।

श्री कमलनाथ ने यह बात अपना रोड शो समाप्त होने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही। उन्होंने कहा कि 50 साल पहले और जवानी में मैं अक्सर यहां आता रहा हूं। किंतु माधवराव सिंधिया और अब ज्योतिरादित्य सिंधिया इस क्षेत्र को देखते हैं, इसलिए मैंने यहां कभी दखल नहीं दिया। किंतु आज जिस तरह से ग्वालियर चंबल बुरी तरह पिछड़ गया है, इसका बेहद दुख है। कभी मध्यप्रदेश को ग्वालियर और ग्वालियर को मध्यप्रदेश के रूप में जाना पहचाना जाता था। अब स्थिति यह है कि इंदौर और भोपाल तो छोड़िए जबलपुर के बाद ग्वालियर का नाम लिया जाता है। यह ठीक नहीं है। उनके द्वारा सारा पैसा छिंदवाड़ा ले जाने और ग्वालियर को एक रुपए की राशि नहीं दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह एकदम गलत है, क्योंकि मैं यहां दखल देता तो ज्योतिरादित्य परेशान हो जाते थे। अब यहां आकर मुझे जनता की भावना और असलियत पता लग गई है कि यहां के लोग किस तरह पीड़ित हैं, इसलिए अब मेरा पूरा ध्यान ग्वालियर चंबल संभाग की ओर रहेगा। उनके ग्वालियर आगमन को लेकर हुए विरोध पर उन्होंने कहा कि भाजपा ने उन्हें ग्वालियर न आने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी, किंतु वे आकर ही रहे, उन्हें कोई नहीं रोक पाया।

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