Nameplate Controversy : सुप्रीम कोर्ट पहुंचा कांवड़ यात्रा का नेमप्लेट विवाद, सोमवार को अहम सुनवाई
Nameplate Controversy : न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और एस वी एन भट्टी की पीठ सोमवार को मामले की सुनवाई कर सकती है।
Nameplate Controversy : नई दिल्ली। मुजफ्फरनगर से शुरू हुआ विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। नेमप्लेट को लेकर पूरे देश में तीखी बहस छिड़ी है। एक पक्ष इस आदेश की सराहना कर रहा है तो दूसरा पक्ष इस फैसले को तर्कहीन बता रहा है। एनजीओ एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई है। न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और एस वी एन भट्टी की पीठ सोमवार को मामले की सुनवाई कर सकती है।
दरअसल, उत्तरप्रदेश में मुजफ्फरनगर प्रशासन ने एक आदेश पारित किया था जिसके अनुसार कांवड़ यात्रा के रूट पर पढ़ने वाली सभी दुकानों और होटलों के लिए नेमप्लेट लगाना और दुकानदारों का नाम बताना जरूरी था। इसे लेकर विपक्ष ने खूब विरोध किया था। विपक्ष की आवाज को दरकिनार करते हुए उत्तरप्रदेश सरकार ने यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू कर दी थी।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसके लिए आदेश जारी कर दिया था। इसके बाद उत्तराखंड में भी ऐसे ही नियम लागू किए गए। हरिद्वार एसपी ने जानकारी देते हुए कहा था कि, कांवड़ यात्रा के रुट पर स्थित सभी दुकानों को मालिक का नाम और मोबाइल नंबर लिखना अनिवार्य था। इसी तरह की व्यवस्था मध्यप्रदेश के उज्जैन में भी लागू कर दी गई। उज्जैन मेयर ने बताया था कि, इन नियमों का सख्ती पालन कराया जाएगा। इंदौर और जबलपुर के भाजपा विधायक भी दुकान के बाहर नेम्प्लेट लगाए जाने का समर्थन कर रहे हैं। उज्जैन मेयर का कहना था कि, इस नियम का उद्देश्य मुस्लिमों को टारगेट करना नहीं था।