Kanwar Yatra : योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, आखिर क्यों दिया नेमप्लेट लगाने का आदेश

Kanwar Yatra : पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने नेमप्लेट विवाद में फैसला सुनाया था जिसके अनुसार दुकानों के बाहर नेमप्लेट लगाना जरूरी नहीं था।

Update: 2024-07-26 04:22 GMT

Kanwar Yatra : योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, आखिर क्यों दिया नेमप्लेट लगाने का आदेश

Kanwar Yatra : नई दिल्ली। कांवड़ यात्रा के रूट पर नेमप्लेट लगाने का आदेश क्यों दिया गया इसकी असल वजह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बता दी है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने नेमप्लेट विवाद में फैसला सुनाया था जिसके अनुसार दुकानों के बाहर नेमप्लेट लगाना जरूरी नहीं था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को नोटिस भी जारी किया था।

यूपी सरकार ने सुप्रीमकोर्ट को बताया कि, कांवड़िया मार्ग पर भोजनालयों के मालिकों के नाम प्रदर्शित करने का निर्देश यह सुनिश्चित करने के लिए जारी किया गया था कि, गलती से भी कांवरियों की धार्मिक भावनाएं आहत न हों और शांति सुनिश्चित की जा सके। कांवरियों को परोसे जाने वाले भोजन के संबंध में छोटे-छोटे भ्रम भी उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकते हैं और उन्हें भड़का सकते हैं, खासकर मुजफ्फरनगर जैसे सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में पिछली घटनाओं से पता चला है कि बेचे जाने वाले भोजन के प्रकार के बारे में गलतफहमियों के कारण तनाव और गड़बड़ी हुई है। ऐसी स्थितियों से बचने के लिए निर्देश एक सक्रिय उपाय है।

धर्मनिरपेक्षता के प्रति प्रतिबद्ध :

उत्तरप्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि, हमारी सरकार धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध है। हमारा आदेश हर व्यक्ति की धार्मिक भावना की रक्षा करना था। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि, सभी धर्मों के त्यौहार शांतिपूर्ण हों। सरकार को इस संबंध में कई शिकायतें मिली थीं इसलिए इस तरह का आदेश दिया गया।

यूपी सरकार ने कहा कि राज्य ने खाद्य विक्रेताओं के व्यापार या व्यवसाय पर कोई प्रतिबंध या रोक नहीं लगाई है (मांसाहारी भोजन बेचने पर प्रतिबंध को छोड़कर), और वे अपना व्यवसाय हमेशा की तरह करने के लिए स्वतंत्र हैं। हलफनामे में कहा गया है, "मालिकों के नाम और पहचान प्रदर्शित करने की आवश्यकता पारदर्शिता सुनिश्चित करने और कांवड़ियों के बीच किसी भी संभावित भ्रम से बचने के लिए एक अतिरिक्त उपाय मात्र है।"

उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड समेत मध्यप्रदेश को नोटिस :

नेमप्लेट विवाद बढ़ने पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 15 और 17 का हवाला देते हुए इन सरकारों के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया था। यह पूरा विवाद मुजफ्फरनगर से शुरू हुआ था। यहां प्रशासन ने आदेश दिया था कि, सभी दुकान मालिक अपनी दुकान के बाहर मालिक और कर्मचारियों का नाम लिखें। इसके कुछ समय बाद उत्तरप्रदेश सरकार ने इसे पूरे प्रदेश में लागू करने का आदेश दिया था। इसके बाद उत्तराखंड और मध्यप्रदेश के उज्जैन में भी ऐसे ही आदेश दिए गए थे।


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