Smoking Effects: सिगरेट पीने से नहीं, पीने वाले के साथ रहने से होता है कैंसर, जानें फैक्ट

हाल ही में स्टडी में और एक मामले में पाया गया कि अगर कोई व्यक्ति सिगरेट पीने वाले शख्स के रहता है तो उसे गंभीर बीमारी होने का खतरा ज्यादा होता है।

Update: 2024-06-13 14:42 GMT

Passive Smoking Effects: सिगरेट हो या तंबाकू या फिर शराब, हर कोई इसका सेवन किसी खास मौके पर नहीं कभी भी कर लेते हैं। नशे के लिए भले ही यह मजा देता हो लेकिन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। सिगरेट पीने से तो कई बीमारियों खतरा होता है लेकिन क्या आपने सुना है कभी स्मोकर के साथ रहने से कैंसर होने का खतरा होता है। जी हां हाल ही में स्टडी में और एक मामले में पाया गया कि अगर कोई व्यक्ति सिगरेट पीने वाले शख्स के रहता है तो उसे गंभीर बीमारी होने का खतरा ज्यादा होता है। जानिए इसका क्या कारण है इस खबर में। 

सामने आया था यह मामला

सिगरेट पीने वाले के साथ रहने से कैसे कैंसर हो सकता है इसे स्पष्ट करने के लिए एक मामला चर्चा में आया था। जिसे बीबीसी ने लगाया कि, हैदराबाद में नलिनी सत्यानारायण नाम की एक महिला रहती हैं, साल 2010 में जब उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हुईं और उन्होंने अपना टेस्ट कराया तो पता चला कि उन्हें कैंसर है. हालांकि, उन्होंने अपने जीवन में कभी तंबाकू का सेवन नहीं किया था। इसमें नलिनी ने बताया कि उनकी शादी को 33 साल से ज्यादा हो गए हैं, उनके पति एक चैन स्मोकर हैं, इस वजह से वो ना चाहते हुए भी हर रोज सिगरेट का धुंआ अपने अंदर इनहेल करती हैं जो फेफड़ों को परेशान करते है इस वजह से कैंसर के लक्षण मिले।

तंबाकू और सिगरेट पीने से होती है मौत 

इस मामले पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट में कहा गया कि, हर साल के मामलों में तंबाकू के सेवन से लगभग 80 लाख लोगों की कैंसर से मौत होती है तो वही कई ऐसे भी मामले है जो मौत के लिए किसी बीमारी का शिकार हुए हैं।WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां हर साल तंबाकू के सेवन से मरने वालों की संख्या 13.5 लाख के पार है।

अब बदल रहे हैं हालात 

इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के पॉजिटिव आंकड़े भी सामने आए हैं जिसमें साल 2000 से 2020 की तुलना करें तो तंबाकू का सेवन करने वालों की तादाद में काफी कमी देखने को मिलती है. जैसे साल 2000 में जहां 15 साल की उम्र से ज्यादा के करीब 32 फीसदी लोग तंबाकू का सेवन करते थे. वहीं साल 2020 में ये संख्या घटकर 20 फीसदी हो गई। इससे माना जा रहा है कि अब तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या कम हो रही है और वे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो रहे हैं।

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